हरीश साल्वे SC में रख रहे शिंदे गुट का पक्ष, उद्धव कैंप की ओर से सिंघवी

मुंबई: शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की ओर से महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि सीताराम जिरवाल द्वारा उन्हें और 15 अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के नोटिस के खिलाफ दायर दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे शीर्ष अदालत में शिंदे गुट की ओर से पेश हुए हैं. वहीं, अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में उद्धव कैंप का पक्ष रख रहे हैं. इससे पहले एकनाथ शिंदे ने बाद में ट्वीट किया कि वह इसे अपनी नियति मानेंगे, भले ही उन्हें ‘हिंदुत्व का पालन करने’ के लिए मरना पड़े. शिंदे गुट, जो 22 जून से गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए है, ने मांग की है कि शिवसेना को महा विकास अघाड़ी गठबंधन से हटना चाहिए, जिसमें एनसीपी और कांग्रेस भी शामिल हैं. लेकिन शिवसेना ने भी हार मानने से इनकार कर दिया और असंतुष्टों को फिर से चुनाव लड़ने के लिए कहकर उनके खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. गठबंधन सहयोगी राकांपा और उसके प्रमुख शरद पवार ने सीएम उद्धव ठाकरे पर भरोसा जताया है और कहा है कि जब तक जरूरत होगी, पार्टी उनका और शिवसेना का समर्थन करती रहेगी. इस बीच शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत के बयान पर पलटवार करते हुए शिंदे ने ट्वीट किया, ‘बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना उन लोगों का समर्थन कैसे कर सकती है जिनका मुंबई बम विस्फोट के दोषियों, दाऊद इब्राहिम और मुंबई के निर्दोष लोगों की जान लेने के लिए जिम्मेदार लोगों से सीधा संबंध था. इसलिए हमने ऐसा कदम उठाया, मरना ही बेहतर है.’ इससे पहले संजय राउत ने शिंदे गुट पर जुबानी हमला करते हुए कहा था कि ये जो 40 लोग गुवाहाटी गए हैं ना, उनकी बॉडी ही यहां आएगी, आत्मा नहीं आएगी. राउत ने कहा कि वे वहां तड़प रहे हैं. जब ये (बागी विधायक) यहां (मुंबई) उतरेंगे तो ये मन से जीवित नहीं रहेंगे, उनकी बॉडी पोस्टमार्टम के लिए सीधे महाराष्ट्र विधानसभा जाएगी. उनको पता है ये जो आग लगाई है उस आग में क्या हो सकता है. मुंबई आकर दिखाओ, मेरा चैलेंज है.

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