पूर्वोत्तर राज्यों को हजार करोड़ रुपये की सौगात के साथ पीएम मोदी का विपक्ष को कड़ा जवाब
New Delhi:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर पूर्वोत्तर में हैं. इस दौरान वह 18 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे.इसके जरिए प्रधानमंत्री मोदी नॉर्थ-ईस्ट के 7 राज्यों की 26 लोकसभा सीटों को साधने का प्रयास करेंगे. पूर्वोतर में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का ये दौरा बेहद अहम है. जान लें कि लोकसभा चुनाव में पूर्वोत्तर के राज्य गेमचेंजर के रूप में देखे जा रहे हैं. यहां के 7 राज्यों में मिलाकर 26 सीटें हैं, जो गुजरात, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों जितनी ताकत रखती हैं. जो भी यहां जीतेगा, उसे अच्छी बढ़त मिल जाएगी.पीएम मोदी शुक्रवार दोपहर में तेजपुर के सलोनीबारी हवाई अड्डे पहुंचे, जहां असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और अन्य ने उनका स्वागत किया.पीएम मोदी असम पहुंचे के बाद केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और राज्य के कृषि मंत्री अतुल बोरा, शर्मा और अन्य लोगों के साथ एक हेलीकॉप्टर से काजीरंगा के पनबारी के लिए रवाना हुए और वहां पहुंचने पर एक बार फिर प्रधानमंत्री का स्वागत किया गया.
पीएम मोदी ने शनिवार सुबह जंगल सफारी करी. इस दौरान वह पहले हाथी पर और बाद में जीप से काजीरंगा नेशनल पार्क के विभिन्न इलाकों में घूमते दिखे. पीएम मोदी दोपहर में जोरहाट लौटेंगे और महान अहोम सेनापति लचित बोरफुकन की 125 फुट ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ वेलर’ (बहादुरी की प्रतिमा) का उद्घाटन करेंगे. अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद पीएम मोदी मेलेंग मेतेली पोथार जाएंगे, जहां वह लगभग 18,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय और राज्य परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. प्रधानमंत्री जनसभा को भी संबोधित करेंगे और बाद वह पश्चिम बंगाल रवाना होंगे.प्रधानमंत्री ने चार फरवरी को असम का दौरा किया था और 11,600 करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की थीं.
कितना महत्वपूर्ण पूर्वोत्तर का दौरा
2019 के आम चुनाव में बीजेपी को असम की 14 लोकसभा सीटों में से 7 सीटों पर जीत मिली थी जबकि कांग्रेस को महज तीन सीटें मिलीं. वहीं AIUDF को 3 सीटों पर जीत मिली थी और एक सीट निर्दलीय प्रत्याशी के खाते में गई थी.ओपिनियन पोल के मुताबिक, असम में इस बार NDA को 11 सीट, I.N.D.I.A. गठबंधन को 1 सीट पर जीत मिल सकती है जबकि अन्य के खाते में 2 सीटें जाती दिख रही हैं. अगर अरुणाचल प्रदेश की बात करें तो वहां लोकसभा की दो सीटें हैं 2019 में बीजेपी ने दोनों सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि कांग्रेस का खाता नहीं खुल पाया था.
अरुणाचल प्रदेश को कनेक्टिविटी की सौगात
गौरतलब है कि पीएम मोदी आज अरुणाचल प्रदेश को जो सौगात देने जा रहे हैं वो जनता के साथ-साथ सामरिक दृष्टिकोण से भी बेहद अहम है. पीएम मोदी अरुणाचल प्रदेश में कई परियोंजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे, जिसमें सबसे अहम सेला सुरंग है. सेला सुरंग चीन बॉर्डर के बेहद नजदीक है और सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम भी है. ये सुरंग चीन की सीमा से लगे तवांग को हर मौसम में कनेक्टिविटी मुहैया कराएगी.
बता दें कि सेला सुरंग 13000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर दो लेन में बनी दुनिया की सबसे बड़ी सुरंग होगी. अरुणाचल प्रदेश के तवांग और वेस्ट कामेंग जिलों को आपस में जोड़ेगी. टनल पूरी तरह स्वदेशी और अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल बनाई गई है. टनल पर बर्फबारी का कोई असर नहीं होगा.
दरअसल सेला टनल की नींव एक अप्रैल, 2019 को प्रधानमंत्री मोदी ने रखी थी, हालांकि तीन साल में काम पूरा होना था, लेकिन कोविड की वजह से देरी हुई. टनल की कुल लागत 825 करोड़ रुपये आई है. सुरंग का काम चौबीसों घंटे जारी रहा, माइनस 20 डिग्री के तापमान पर भी काम पूरा गया. यकीनन सेला टनल चीन की विस्तारवादी नीति से निपटने में कारगर रणनीति साबित होगी.