PM मोदी बोले, महामिलावटी लोगों ने नामी, बेनामी संपत्ति का अंबार लगाया

बलिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस, मायावती और अखिलेश यादव को निशाने पर लेते हुए कहा है कि मैंने चुनाव लड़ा भी हूं और लड़ाया भी हूं। मैंने कभी जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे हैं। मैं वोट जाति के नाम पर नहीं वोट देश के लिए मांगता हूं। मैं अति पिछड़ी जाति से आने के बाद भी देश के लिए वोट अगड़ा बनाने के लिए वोट मांगता हूं। यह बात प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के बलिया में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कही।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये महामिलावटी लोग, पूछ रहे हैं कि, मोदी की जाति क्या है? बुआ-बबुआ दोनों मिलकर जितने साल मुख्यमंत्री नहीं रहे, उससे कहीं ज्यादा समय मैं गुजरात का सीएम रहा हूं। मैंने अनेक चुनाव लड़े और लड़ाए हैं, लेकिन कभी अपनी जाति का सहारा नहीं लिया। इनकी गालियों का जवाब मोदी को नहीं देना पड़ेगा। पूरे हिंदुस्तान की जनता कमल के निशान पर बटन दबाकर हर गाली का जवाब देने वाली है। मैं तो माताओं-बहनों के सम्मान और गरीब के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए खड़ा हूं।

विपक्षी मोदी को गाली देने में लगे
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पूरे देश में गरीब माताओं बहनों का भरपूर समर्थन आपके इस सेवक को मिल रहा है। इसी समर्थन का परिणाम है कि महामिलावट वाले सपा, बसपा या कांग्रेस हो ये सारे एक ही काम में जुट गए हैं, मोदी को गाली देने में।
आतंकियों की सारी हेकड़ी आज हवा हो गई
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैंने कभी गरीब के पैसे लूटने का कोई पाप नहीं किया है। हमारे लिए गरीब का कल्याण और मातृभूमि का सम्मान, उसकी रक्षा ये हमारी जिंदगी से भी सर्वोपरि है। यही कारण है कि पाकिस्तान और उसके आतंकियों की सारी हेकड़ी आज हवा हो गई है। सबका साथ सबका विकास हमारा मंत्र है। सबको सुरक्षा और सम्मन ये हमारा प्रण है। इसी पर चलते हुए पूर्वांचल और पूर्वी भारत के विकास पर हमने विशेष घ्यान दिया है। आज बलिया में ट्रेनों की आवाजाही बढ़ी है, रेल लाइनों का बिजलीकरण हुआ है, बलिया से वाराणसी का सफर आसान हुआ है। जब कनेक्टिविटी अच्छी होती है तब उद्योगों की संभावनाएं बढ़ती हैं।

महामिलावटी लोगों ने नामी और बेनामी संपत्ति का अंबार लगाया
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन महामिलावटी लोगों ने कैसी राजनीति की है, सत्ता के नाम पर कैसे आपको धोखा दिया है, इन लोगों ने जाति की राजनीति के नाम पर अपने और अपने रिश्तेदारों के लिए बंगले खड़े किए हैं, महल बनाए हैं। इन्होंने नामी और बेनामी संपत्ति का अंबार लगाया है। मैंने गरीबी, पिछड़ेपन को भुगता है जो दर्द आज आप सह रहे हैं वो मैंने खुद से सहा है। मैं, मेरा पिछड़ापन और मेरी गरीबी दूर करने के लिए नहीं बल्कि आप के लिए जीता हूं। इसलिए मुझे विश्वास है कि इस परिस्थिति को दूर करने के लिए हम सफल होंगे।

ओबीसी आयोग को दिया संवैधानिक दर्जा 
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान और मजदूर को 60 वर्ष के बाद पेंशन मिले इसकी योजना भी ये चौकीदार ने बनाई है। गरीबी की प्रेरणा से ही सामान्य वर्ग के गरीबों को 10% का आरक्षण दिया गया। ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया।

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