Arvinder Singh Lovely joins BJP: अरविंदर सिंह लवली(4 मई) बीजेपी में हुए शामिल, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से कुछ दिन पहले दिया था इस्तीफा

Arvinder Singh Lovely joins BJP: अरविंदर सिंह लवली बीजेपी में हुए शामिल, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से कुछ दिन पहले दिया था इस्तीफा

Arvinder Singh Lovely joins BJP: दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली शनिवार को बीजेपी में शामिल हो गए हैं. लवली ने हाल ही में दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंदर सिंह लवली को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया था कि उनका अगला कदम क्या होगा, लेकिन आज इन कयासों पर विराम लग गया है. दरअसल, अरविंदर सिंह लवली आज बीजेपी में शामिल हो गए हैं. लवली के साथ ही कांग्रेस नेता राजकुमार चौहान, अमित मलिक, नसीब सिंह और नीरज बसोया ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है.

Arvinder Singh Lovely joins BJP: लवली ने खड़गे को लिखे इस्तीफे में कही थी ये बात

बता दें कि लवली ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे गए अपने इस्तीफे में कहा था वो खुद को अपाहिज महसूस कर रहे थे, क्योंकि दिल्ली के वरिष्ठ नेताओं द्वारा लिए गए सभी सर्वसम्मत निर्णयों को दीपक बाबरिया द्वारा ‘एकतरफा वीटो’ कर दिया गया था. लवली ने कहा था कि दिल्ली कांग्रेस यूनिट AAP के के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, लेकिन पार्टी आलाकमान इसके साथ आगे बढ़ गया.  अरविंदर सिंह लवली ने प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और उम्मीदवार उदित राज, कन्हैया कुमार पर गंभीर आरोप लगाए थे.

Arvinder Singh Lovely joins BJP: 2017 में भी दे दिया था इस्तीफा

टिकट वितरण में नाराजगी 2017 में भी अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे का कारण बनी थी. अंतर केवल इतना है कि तब लवली ने पार्टी भी छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे, जबकि इस बार उन्होंने केवल प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है. अप्रैल 2017 में एमसीडी चुनाव के मतदान से कुछ ही दिन पूर्व लवली ने भाजपा की सदस्यता ले ली थी. अमित शाह ने तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी की मौजूदगी में लवली को भाजपा में शामिल कराया था.

Arvinder Singh Lovely joins BJP: कौन हैं अरविंदर सिंह लवली?

1998 में, लवली दिल्ली के सबसे कम उम्र के विधायक बने और पांच साल बाद, 30 साल की उम्र में, शीला दीक्षित सरकार में सबसे कम उम्र के मंत्री बने. तत्कालीन मुख्यमंत्री के विश्वासपात्र माने जाने वाले, उन्हें अपने तीन कार्यकालों के दौरान शिक्षा, परिवहन और शहरी विकास जैसे प्रमुख विभाग मिले. 

लवली उस समय शिक्षा मंत्री थे जब दिल्ली निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए 25% आरक्षण लागू करने वाली पहली सरकार बनी. वह शहरी विकास मंत्री थे जब 2012-13 में पहली बार अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की मंजूरी दी गई थी. हालाँकि, योजना को केंद्र की मंजूरी मिलने और जमीन पर लागू होने में काफी समय लगा, जो 2018-’19 में हुआ जब केंद्र में भाजपा सत्ता में थी.

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Arvinder Singh Lovely joins BJP: आप के साथ सरकार बनाने में अहम भूमिका

कथित भ्रष्टाचार को लेकर आप द्वारा निशाना बनाए जाने के बावजूद, लवली ने 2013 में आप को “बाहरी समर्थन” देने में भूमिका निभाई, जिससे वह 49 दिनों तक चलने वाली सरकार बनाने में सफल रही. वह दिल्ली कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे थे जब आप ने 2015 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को करारी हार दी थी. इसके बाद लवली ने पहली बार डीपीसीसी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.

2017 के नगर निगम चुनावों के बीच में, उन्होंने पार्टी की स्थिति के लिए गांधी परिवार को दोषी ठहराते हुए अचानक कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. वह तुरंत भाजपा में शामिल हो गए, लेकिन वहां ज्यादा सफलता हासिल करने में असफल रहने पर, 2018 की शुरुआत में कांग्रेस में लौट आए. गांधी परिवार की “अच्छी किताबों” में होने के कारण, वह दिल्ली से एकमात्र नेता थे जिन्हें पहली बार चार बार चुना गया था. सदस्य केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण ने चुनावों की अध्यक्षता की जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे को अक्टूबर 2022 में 24 वर्षों में पार्टी का पहला गैर-गांधी अध्यक्ष चुना गया.

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