Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा में रखें इन बातों का ध्यान, बनाएं इन चीजों से दूरी
Sharad Purnima 2024: हिंदू पंचाग के अनुसार अश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। पूरे साल भर में केवल इसी दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। इसी दिन श्रीकृष्ण ने राधा रानी और गोपियों संग रास रचाया था। इसलिए इसे रास पूर्णिमा भी कहते हैं।
पूर्णिमा तिथि 16 अक्टूबर को रात में 08:40 बजे प्रारंभ होगी और 17 अक्टूबर को शाम को 04:55 बजे समाप्त होगी। इस मान से 16 अक्टूबर को रहेगी शरद पूर्णिमा। इस दिन चंद्रमा के प्रकाश में रखी हुई खीर खाने की परंपरा है।शरद पूर्णिमा के चन्द्रमा की किरणों में उपचार के कुछ गुण भी होते हैं जो शरीर और आत्मा को सकारात्मक उर्जा प्रदान करते हैं।
Sharad Purnima 2024: तामसिक भोजन से बनाएं दूरी
इस दिन किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। जैसे मांस, मटन, चिकन या मसालेदार भोजन। हो सके तो लहसुन, प्याज आदि का भी सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि ये दिन भगवान कृष्ण को समर्पित है। सात्विक भोजन से मन शुद्ध और प्रसन्न रहता है।
Sharad Purnima 2024: क्रोध से बचें
वैज्ञानिकों के अनुसार इस दिन चन्द्रमा का प्रभाव काफी तेज होता है इन कारणों से शरीर के अंदर रक्त में न्यूरॉन सेल्स क्रियाशील हो जाते हैं और ऐसी स्थिति में इंसान ज्यादा उत्तेजित या भावुक रहता है। इस दिन क्रोध नहीं करना चाहिए।
Sharad Purnima 2024: जल की स्वच्छता पर दें ध्यान
चांद का धरती के जल से संबंध है। जब पूर्णिमा आती है तो समुद्र में ज्वार-भाटा उत्पन्न होता है, क्योंकि चंद्रमा समुद्र के जल को ऊपर की ओर खींचता है। मानव के शरीर में भी लगभग 85 प्रतिशत जल रहता है। पूर्णिमा के दिन इस जल की गति और गुण बदल जाते हैं। अत: इस दिन जल की मात्रा और उसकी स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें।
Papakunsha Ekadashi 2024: भगवान पद्मनाभ को समर्पित है पापाकुंशा एकादशी, धुल जाते हैं सभी पाप
इस दिन धन का लेन-देन आपको आर्थिक संकट में डाल सकता है। अत: आप किसी भी प्रकार से दन का लेन देन न करें।
इस दिन काले रंग का प्रयोग न करें और ना ही नकारात्मक बातें सोचे।
इस दिन सूर्यास्त के बाद दान न करें। कहते हैं कि ऐसे करने से घर में गरीबी आती है।