रिपब्लिक डे पर दिखा भारत का दम,नारी शक्ति पर केंद्रित रही पूरी परेड

Republic Day Parade:रिपब्लिक डे पर दिखा भारत का दम,नारी शक्ति पर केंद्रित रही पूरी परेड

New Delhi: देश आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. गणतंत्र दिवस की परेड कर्तव्‍य पथ पर संपन्‍न हुई. इस समारोह में मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों रहे. इस बार की परेड कई मायनों में खास रही. अभी तक हमेशा परेड की शुरुआत सैन्य बैंड के साथ होती आई है, लेकिन इस बार देशभर की 100 महिला सांस्कृतिक कलाकार पारंपरिक वाद्यों के साथ परेड का आगाज किया. विकसित भारत‘ और भारत-लोकतंत्र की मातृका– दोनों विषयों पर आधारित इस वर्ष की परेड में लगभग 13,000 विशेष अतिथियों ने भाग ली.

वहीं फ्रांसीसी मार्चिंग दस्ता कर्तव्य पथ पर कदम ताल करता नजर आया है. 115,000 सैन्य कर्मियों की अद्वितीय सेना है. अलग-अलग देशों में 10,000 सैनिक तैनात हैं. यूरोप, अफ्रीका और पूर्व-मध्य में स्पेशल ऑपरेशन में भूमिका है.

इस मौके पर राजधानी दिल्ली में कर्तव्य पथ पर भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना की दुनिया ने ताकत देखी. परेड में देश के 16 राज्यों की झांकियां निकाली गई.

कर्तव्य पथ पर न सिर्फ दुनिया भारत की ताकत को देख रही है, बल्कि वह नारी शक्ति के पराक्रम की भी गवाह बनी है. पहली बार कर्तव्य पथ पर आर्म्ड फोर्स मेडिकल सर्विस की एक महिला टुकड़ी ने मार्च किया. पहली बार महिलाओं की त्रि-सेवा टुकड़ी ने भी परेड में हिस्सा लिया. गणतंत्र दिवस के मौके पर नॉर्थ-ईस्ट की 45 लड़कियों के एक बैंड ने भी पहली बार कर्तव्य पथ पर मार्च किया. इस बैंड ने पहली बार राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) गणतंत्र दिवस शिविर में भाग लिया. बैंड में शामिल लड़कियों की उम्र 13-15 साल की थी. इस बैंड ने कर्तव्य पथ पर पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व किया. बैंड ‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन बजाते हुए कर्तव्य पथ पर मार्च करते हुए गुजरा. इस बैंड में कोहिमा और गुवाहाटी के स्कूलों की छात्राएं शामिल थीं. कोहिमा कैडेट्स 1 नागालैंड गर्ल्स बटालियन एनसीसी, जबकि गुवाहाटी कैडेट्स 1 असम बटालियन एनसीसी से थीं.

महिलाओं की त्रि-सेवा टुकड़ी ने किया मार्च

75वां गणतंत्र दिवस इसलिए भी काफी खास है, क्योंकि इस साल कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति का पराक्रम देखने को मिला है. कर्त्तव्य पथ पर पहली बार आर्म्ड फोर्स मेडिकल सर्विस की एक पूर्ण महिला टुकड़ी ने मार्च किया. इसका नेतृत्व मेजर सृष्टि खुल्लर ने किया. इस टुकड़ी में आर्मी डेंटल कोर से कैप्टन अंबा सामंत, भारतीय नौसेना से सर्जन लेफ्टिनेंट कंचना, भारतीय वायुसेना से फ्लाइट लेफ्टिनेंट दिव्या प्रिया शामिल थीं. गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार महिलाओं की त्रि-सेवा टुकड़ी भी हिस्सा बनी. मिलिट्री पुलिस की कैप्टन संध्या ने इसका नेतृत्व किया. इसमें अग्निवीर और सेना के सदस्य शामिल थे. इसमें 148 महिला जवान शामिल थीं.

सीआरपीएफ, आईटीबीपी महिला जवानों ने दिखाया दम

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बस (सीआरपीएफ) के महिला बैंड ने भी कर्तव्य पथ पर मार्च किया. इस बैंड ने ‘देश के हैं हम रक्षक’ धुन को बजाते हुए परेड में मार्च किया. सीआरपीएफ की महिला बैंड का नेतृत्व कांस्टेबल सोसा अल्पाबेन कर रही थीं. इसके बाद सीआरपीएफ का महिला मार्च का दस्ता सलामी मंच के सामने सैल्यूट करते हुए गुजरा. इसे ‘पीसकीपर ऑफ द नेशन’ के नाम से जाना जाता है. इसका नेतृत्व 234वीं बटालियन विशाखापत्तनम की अस्टिटेंट कमांडेट मेघा नायर ने किया.

आईटीबीपी मार्चिंग दस्ता का नेतृत्व अस्टिटेंट कमांडेट मोनिया शर्मा ने किया. इस गौरवशाली टुकड़ी में तीन अधीनस्थ अधिकारी और 144 अलग-अगल रैंक की महिला जवान भी शामिल रहीं.

बीएसएफ महिला ब्रास बैंड ने किया नारी शक्ति का प्रदर्शन

कर्तव्य पथ पर पहली बार बीएसएफ महिला ब्रास बैंड ने भी हिस्सा लिया. सीमा सुरक्षा बल की महिला टुकड़ी ‘नारी शक्ति’ का प्रदर्शन किया. इसका नेतृत्व सुबेदार इंस्पेक्टर श्वेता सिंह ने किया. इस बैंड ने ‘भारत के जवान’ धुन को बजाया. दिल्ली पुलिस के ऑल-वुमैन बैंड ने भी पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया और इसका नेतृत्व बैंड मास्टर सब इंस्पेक्टर रुयांगनुओ केन्से ने किया.

नौसेना-वायुसेना की महिला जवानों का दिखा पराक्रम

भारतीय वायु सेना के मार्चिंग दल का नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर रश्मी ठाकुर ने किया, जिसमें स्क्वाड्रन लीडर सुमिता यादव, स्क्वाड्रन लीडर प्रतीति अहलूवालिया और फ्लाइट लेफ्टिनेंट किरीट रोहिल शामिल थे. परेड में भारतीय नौसेना की झांकी भी गुजरी, जिसमें ‘नारी शक्ति’ और ‘आत्मनिर्भरता’ के विषयों पर प्रकाश डाला गया. इसमें विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और नौसेना के जहाज दिल्ली, कोलकाता और शिवालिक और कलावरी क्लास पनडुब्बी को भी दिखाया गया है.

भारत की ‘रॉकेट गर्ल्स’ ने बनाया इतिहास

भारत की ‘रॉकेट गर्ल्स’ ने गणतंत्र दिवस परेड हिस्सा लिया. परेड मे इसरो की झांकी ‘चंद्रयान-3-भारतीय अंतरिक्ष इतिहास में एक गाथा’ कर्तव्य पथ से गुजरी. इस झांकी से आठ महिला वैज्ञानिकों ने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया. झांकी में चंद्रमा पर शिव-शक्ति प्वाइंट, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को दिखाया गया. इस कार्यक्रम में 220 महिला वैज्ञानिक शामिल हुई हैं.

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