Narasimha Jayanti 2024: भगवान विष्‍णु के रौद्र अवतार हैं नरसिंह भगवान, ऐसे करें आराधना

Narasimha Jayanti 2024: भगवान विष्‍णु के रौद्र अवतार हैं नरसिंह भगवान, ऐसे करें आराधना

Narasimha Jayanti 2024: हिंदू पंचाग के अनुसार, हर साल वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरसिंह जयंती मनाई जाती है. भगवान विष्णु के दस अवतारों में नरसिंह भगवान को चौथा अवतार माना जाता है. नरसिंह भगवान का मुंह सिंह का जबकि शरीर मनुष्य का है. अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए विष्णु जी ने यह अवतार धारण लिया था. इस वर्ष मंगलवार 21 मई 2024 को नरसिंह जयंंती मनाई जाएगी.

Narasimha Jayanti 2024: क्‍यों लिया भगवान विष्‍णु ने नरसिंह अवतार

भगवान विष्णु ने धरती पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए कई बार अलग-अलग रूपों में जन्म लिया. इनमें से एक नरसिंह अवतार है जिसकी खासियत है कि यह आधा सिंह और आधा मनुष्य से बना है. लेकिन भगवान को आखिर ऐसा अवतार क्यों लेना पड़ा.

पौराणिक कथाओं के अनुसार असुर हिरण्यकश्यप के घर भक्त प्रहलाद का जन्म हुआ था. प्रहलाद बचपन से ही भगवान विष्णु के भक्त थे और उनकी अराधना में लीन रहते हैं. यह बात हिरण्यकश्यप को बिल्कुल पसंद नहीं थी.

हिरण्यकश्यप के राज में प्रजा को भगवान की पूजा करने की मनाही थी क्योंकि हिरण्यकश्यप स्वंय को भगवान समझता था और चाहता था कि लोग उसे भगवान की तरह पूजें. लेकिन प्रहलाद भगवान विष्णु की अराधना करते थे और जब हिरण्यकश्यप को यह पता चला तो गुस्से से आगबबूला हो गया.

हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को समझाया कि वह भगवान विष्णु की पूजा न करें. लेकिन भक्त प्रहलाद नहीं मानें तो हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका के साथ षययंत्र रचा. क्योंकि होलिका को वरदान प्राप्त कि वह आग से भस्म नहीं हो सकती. इसलिए प्रहलाद को अपनी गोदी में लेकर वह आग में बैठ गई लेकिन प्रहलाद की रक्षा स्वंय भगवान विष्णु ने की और उन्हें कुछ नहीं हुआ. जब हिरण्यकश्यप के भक्त प्रहलाद पर अत्याचार बढ़ते गए तो प्रहलाद ने भगवान विष्णु को याद किया.

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इसके बाद भगवान विष्णु हिरण्यकश्यप के अत्याचारों का अंत करने के लिए नरसिंह अवतार में प्रकट हुए. क्योंकि हिरण्यकश्यप को यह वरदान प्राप्त था कि उसे न तो पशु मार सकता है और न ही मनुष्य. साथ ही उसकी मौत न दिन में हो सकती है और न रात में. इसलिए भगवान विष्णु ने आधा सिंह और आधा मनुष्य का अवतार लिया. फिर अपने नाखूनों से उसका सीना चीर कर वध कर दिया. हिरण्यकश्यप का वध उस समय हुआ जब न दिन था और न रात. बल्कि सूर्यास्त का समय था.

Narasimha Jayanti 2024:  बन रहा विशेष योग

इस बार के नरसिंह जयंती के दिन रवि योग और स्वाति नक्षत्र का योग बन रहा है. उस दिन रवि योग सुबह 05:46 बजे से अगले दिन 22 मई को सुबह 05:27 बजे तक रहेगा. वहीं चित्रा नक्षत्र सुबह 05:46 बजे तक रहेगा. उसके बाद से स्वाति नक्षत्र है, जो 22 मई को सुबह 07:47 बजे तक रहेगा. पंचांग के अनुसार, 21 मई को नरसिंह जयंती के दिन पूजा का मुहूर्त 2 घंटे 44 मिनट तक का है. उस दिन पूजा का शुभ समय शाम 04 बजकर 24 मिनट से शाम 07 बजकर 09 मिनट तक है.

Narasimha Jayanti 2024: ऐसे करें पूजा

नरसिंह जयंती के दिन नरसिंह भगवान की पूजा शाम के समय करने का विधान है. शाम के समय पूजा से पहले स्नान करके पूजा स्थल पर भगवान नरसिंह की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. प्रतिमा स्थापित करने के बाद पंचामृत से भगवान का अभिषेक करें और चंदन का तिलक लगाएं. इस दिन संभव हो तो देशी घी का दीपक भगवान के सामने जलाएं. पूजा के अंत में नरसिंह भगवान की आरती करें और भगवान को भोग लगाएं.

इन मंत्रों का करें जाप

ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्।।
ॐ नृम नरसिंहाय शत्रुबल विदीर्नाय नमः
ॐ नृम मलोल नरसिंहाय पूरय-पूरय

Narasimha Jayanti 2024: नरसिंह जयंती का महत्व

ऐसी मान्यता है कि नरसिंह जयंती के दिन भगवान नरसिंह की पूजा करने से भक्तों के अंदर का भय दूर होता है. भगवान नरसिंह की कृपा से जीवन में आने वाले संकटों का नाश होता है. वे अपने भक्तों की रक्षा करते हैं. उनकी पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं नरसिंह जयंती के दिन व्रत रखने और भगवान नरसिंह की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और साथ ही ग्रह-दोष से भी आप मुक्त होते हैं. नरसिंह भगवान के आशीर्वाद से भक्त विपरीत परिस्थितियों में भी, अच्छे परिणाम पा सकते हैं. विष्णु भगवान के नरसिंह अवतार की पूजा करने से आपके तेज और आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है.

नरसिंह जयंती पर जरूर करें ये उपाय
मोरपंख उपाय: यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो भगवान नरसिंह को मोर पंख चढ़ाना शुभ होता है. नरसिंह जयंती के दिन किसी भी नरसिंह मंदिर में एक मोर पंख अर्पित करें. इससे आपके जीवन में होने वाले कष्टों से राहत मिलेगी.

चंदन का लेप: माना जाता है कि भगवान नरसिंह का क्रोध कम करने के लिए चंदन का लेप चढ़ाना शुभ होता है. साथ ही यदि आपके शरीर में लंबे समय से कोई बीमारी है, तो भी ऐसा करने से लाभ मिलता है.

दही का प्रसाद: नरसिंह जयंती के दिन भगवान नरसिंह को दही का प्रसाद चढ़ाना भी बेहद शुभ माना गया है. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान नरसिंह का क्रोध कम होता है. इसके अलावा यदि आप किसी कानूनी उलझन में फंसे हैं और कोर्ट-कचहरी में चक्कर लगाते हुए थक गए हैं तो नरसिंह चतुर्दशी पर भगवान की पूजा करने साथ दही का प्रसाद चढ़ाना चाहिए.

 

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