Buddha Purnima 2024: क्‍यों मनाते हैं बुद्ध पूर्णिमा, क्‍या है गाैतम बुद्ध से इस दिन का रिश्‍ता

Buddha Purnima 2024: क्‍यों मनाते हैं बुद्ध पूर्णिमा, क्‍या है गाैतम बुद्ध से इस दिन का रिश्‍ता

Buddha Purnima 2024: बुद्ध जयन्ती, बौद्ध धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए बहुत ही खास होता है. गौतम बुद्ध की जयन्ती  वैशाख पूर्णिमा को मनायी जाती हैं.सनातन धर्म में बुद्ध पूर्णिमा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. हिंदू पंचांग के मुताबिक वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि को प्रत्येक वर्ष बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है.

बुद्ध ने महज 29 साल की उम्र में ही घर-गृहस्थी का त्याग कर दिया और दिव्य ज्ञान की खोज में निकल पड़े. बुद्ध ने दुनियाभर में लोगों के बीच अहिंसा, शांति, प्रेम, सद्भावना और त्याग का संदेश देकर समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया.

Buddha Purnima 2024: इस दिन का क्‍या है गौतम बुद्ध से रिश्‍ता

पूर्णिमा के दिन ही गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण भी मनाया जाता है.  इस दिन 563 ई.पू. में बुद्ध का जन्म लुंबिनी, भारत जो अब नेपाल है, में हुआ था. इस पूर्णिमा के दिन ही 483 ई. पू. में 80 वर्ष की आयु में, देवरिया जिले के कुशीनगर में निर्वाण प्राप्त किया था. भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण ये तीनों एक ही दिन अर्थात वैशाख पूर्णिमा के दिन ही हुए थे. ऐसा किसी अन्य महापुरुष के साथ आज तक नहीं हुआ है. इसीलिए बैशाख पूर्णिमा को हम बुद्ध पूर्णिमा के तौर पर मनाते  हैं.

Buddha Purnima 2024: कौन थे महात्मा गौतम बुद्ध

महात्मा बुद्ध शाक्य गणराज्य के राजा शुद्धोधन के बेटे थे. बुद्ध की माता का नाम मायादेवी थी. जन्म के समय माता-पिता ने बुद्ध का नाम राजकुमार सिद्धार्थ रखा था. बुद्ध बचपन से ही शांत और गंभीर स्वभाव के थे. वे अपना अधिकांश समय एकांत में बैठने और चिंतन करने में बिताते थे. राजकुमार होने के बावजूद भी सांसारिक सुखों में उनकी कोई रूचि नहीं थी. जैसे-जैसे बुद्ध बड़े होने लगे उनकी सांसारिक रूचि भी खत्म होने लगी.

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गौतम बुद्ध की प्रारंभिक शिक्षा राजमहल में ही हुई. उसके बाद गुरु विश्वामित्र से वेद और उपनिषदों की शिक्षा ग्रहण की. बुद्ध का विवाह कोलीय वंश के राजा सुप्पबुद्ध की बेटी यशोधरा से हुआ. बुद्ध और यशोधरा का एक पुत्र भी हुआ, जिसका नाम राहुल था.

Buddha Purnima 2024: गौतम बुद्ध ने आखिर क्‍यों किया घर का त्‍याग

बुद्ध दिव्य ज्ञान की खोज में थे. अपनी आत्मा से जुड़ना चाहते थे. इसलिए उन्हें घर, परिवार, संपत्ति या किसी अन्य वस्तु से कोई जुड़ाव नहीं था.  क्योंकि इन चीजों में उन्हें आध्यात्मिक आनंद नहीं मिलता था. गृह त्याग करने के बाद राजकुमार सिद्धार्थ सत्य की खोज के लिए सात वर्षों तक वन में भटकते रहे. यहां उन्होंने कठोर तप किया और अंततः वैशाख पूर्णिमा के दिन बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें बुद्धत्व ज्ञान की प्राप्ति हुई. इस तरह से वे राजकुमार सिद्धार्थ गौतम से महात्मा गौतम बुद्ध बन गए.

Buddha Purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा पर बन रहे हैं ये शुभ योग

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा यानी बुद्ध पूर्णिमा पर ग्रह नक्षत्रों की शुभ स्थिति के कारण कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जिससे जातकों को पूजा-पाठ और व्रत का दोगुना लाभ प्राप्त होगा. बुद्ध पूर्णिमा पर शिव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. वहीं इस दिन शुक्र-सूर्य की युति से शुक्रादित्य योग, राजभंग योग का निर्माण होगा.

वहीं वृषभ राशि में गुरु-शुक्र की युति से गजलक्ष्मी राजयोग, साथ ही गुरु और सूर्य की युति से गुरु आदित्य योग का संयोग बन रहा है. गजलक्ष्मी राजयोग में किए गए कार्य धन, सौंदर्य, सफलता दिलाते हैं वहीं गुरु आदित्य योग व्यक्ति को गुण-ज्ञान की प्राप्ति होती है साथ ही बुधादित्य राजयोग भी बन रहा है.

Buddha Purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा पर क्‍या करें

  • बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध की पूजा और ध्यान करना चाहिए. अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य इन पंचशीलों का पालन करना चाहिए. इस दिन दान-पुण्य करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. आप चाहें तो अहिंसा का पालन करने का भी संकल्प ले सकते हैं. पूर्णिमा के दिन धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए.
  • यह समय आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति और आत्मिक विकास के लिए अत्यंत शुभ है. इन संयोगों का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में धन, वैभव और समृद्धि ला सकता है. व्यवसाय, करियर और शिक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए इस समय किए गए उपाय कारगर सिद्ध होते हैं. व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि ला सकता है. यह समय अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए अत्यंत शुभ है.

Buddha Purnima 2024: ये उपाय दिलाएंगे आपको बड़ी सफलता

  • पूर्णिमा पर लक्ष्मी जी पीपल पर वास करती है. ऐसे में बुद्ध पूर्णिमा पर सूर्योदय होने पर पीपल में जल चढ़ाएं और 7 बार परिक्रमा करें. इससे धन संकट कोसों दूर रहता है.
  • बुद्ध पूर्णिमा के दिन दूध चीनी-चावल को कच्चे दूध में मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें. इस दौरान ऊं स्त्रां स्त्रीं स्त्रं स: चंद्रमसे नम: मंत्र का जाप करें.
  • पैसों की किल्लत से परेशान हैं तो बुद्ध पूर्णिमा पर 11 कौड़ियां हल्दी में रंगकर लक्ष्मी को चढ़ाएं और अगले दिन इन्हें लाल कपड़े में बांधकर धन स्थान पर रख दें.
  • बुद्ध पूर्णिमा के दिन शिव योग में अगर आप योग-ध्यान करते हैं तो आपके विचारों में तेज आ सकता है. साथ ही आपके ज्ञान चक्षु खुल सकते हैं और आप हर क्षेत्र में सफल हो सकते हैं.

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