मैं चीन से बात करने के लिए हमेशा तैयार हूं- दलाई लामा

तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा ने शनिवार को कहा कि चीन उनके साथ आधिकारिक या गैर-आधिकारिक माध्यम से बातचीत करना चाहता है।उन्होंने हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में मीडिया से बात करते हुए कहा कि चीन को तिब्बत के लोगों की भावना का एहसास है और वह हमेशा चीनी सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं।दलाई लामा ने जोर देकर कहा कि तिब्बती चीन से आजादी की मांग नहीं कर रहे हैं।

लामा ने कहा, “मैं बात करने के लिए हमेशा तैयार हूं। अब चीन को भी एहसास हो गया है कि तिब्बती लोगों की भावना बहुत मजबूत है और इसलिए तिब्बत के लोगों की समस्याओं से निपटने के लिए वे मुझसे संपर्क करना चाहते हैं। मैं भी तेयार हूं।”उन्होंने आगे कहा, “हम आजादी नहीं मांग रहे हैं। हमने कई वर्षों से निर्णय लिया है कि हम चीन का हिस्सा बने रहेंगे, लेकिन अब चीन बदल रहा है।”

लामा ने आगे कहा, “मेरा जन्म तिब्बत में हुआ था और मेरा नाम दलाई लामा है। मैं तिब्बत के हित के लिए काम करने के अलावा सभी संवेदनशील प्राणियों के कल्याण के लिए काम कर रहा हूं। मैंने आशा खोए बिना जो कुछ भी किया जा सकता था, वो किया है।”उन्होंने कहा कि वह किसी से भी नाराज नहीं हैं खासकर उन चीनी नेताओं से, जिन्होंने तिब्बत के प्रति कठोर रवैया अपनाया है।

दलाई लामा ने मनाया है अपना 88वां जन्मदिन

दलाई लामा ने कहा कि तिब्बती संस्कृति और धर्म का ज्ञान बड़े पैमाने पर दुनिया को लाभान्वित कर सकता है।उन्होंने कहा, “मेरे अपने सपनों और अन्य भविष्यवाणियों के संकेतों के अनुसार, मैं 100 वर्ष से अधिक जीवित रहने की उम्मीद करता हूं। मैंने अब तक दूसरों की सेवा की है और मैं इसे जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”गौरतलब है कि दलाई लामा ने 6 जुलाई को अपना 88वां जन्मदिन मनाया था।

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