पीएम मोदी की अपील पर राकेश टिकैत बोले- ‘पहले बातचीत होगी, हल निकलेगा फिर वापस लौटेंगे’

नई दिल्ली: पिछले 75 दिनों से जारी किसान आंदोलन का चेहरा बन चुके राकेश टिकैत ने कहा है कि हम नए कृषि कानूनों पर हल निकलने के बाद ही वापस लौटेंगे. सरकार तीनों कानून वापस ले.

राकेश टिकैत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज की अपील पर कहा, ”क्या घर लौटकर बातचीत होगी? पहले बातचीत होगी, समझौता होगा. तब जाएंगे. हमारी बात समझ में नहीं आ रही है, हमारी भाषा समझ में नहीं आती है तो सरकार जिस स्कूल में पढ़ी है हमें भी पढ़ा दे.”भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ”हम बातचीत के लिए तैयार हैं. एमएसपी पर कानून बने. कानून क्यों नहीं बनेगा?”

दिल्ली और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत ने कहा कि कानून पूर्ण रूप से खराब है. किसान आधे दाम पर फसल बेचने को मजबूर है. धान 8 रुपये किलो बेच रहे हैं. गन्ना किसानों को 14 दिनों में पैसा देना है लेकिन यह नहीं मिल रहा है. सरकार खुद कानून नहीं मान रही है. व्यापारी को ध्यान में रखकर नया कानून बनाया गया है. भूख पर देश में कीमतें तय हो रही है. ये हम नहीं होने देंगे. किसान ये नहीं होने देगा.

26 जनवरी की हिंसा पर क्या बोले टिकैत?

राकेश टिकैत ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा पर कहा कि उन्होंने (प्रशासन) अपने लोगों को भेजा, गुंडा लोगों को भेजा और बसों के शीशे तोड़ दिए. सरकार ही लोगों को लेकर आई तो हमलोग क्या करेंगे? जहां बैरिकेडिंग से आगे हमें नहीं जाने दिया गया. वहीं जो उनके लोग थे उन्हें बैरिकेडिंग से आगे खड़ा किया गया. उन्होंने ही हिंसा की.

राकेश टिकैत ने कहा कि 26 जनवरी की हिंसा की सही जांच होनी चाहिए. भीड़ को हमने मैनेज किया. हमारे लोगों ने 4 लाख ट्रैक्टर लाए. हिंसा में हमारे लोग नहीं थे. 35 साल से हमलोग आंदोलन कर रहे हैं. संसद के नजदीक भी हमने आंदोलन किया था. संसद में कुछ नहीं हुआ.

क्या राकेश टिकैत लड़ेंगे चुनाव?
राकेश टिकेत ने कहा, ”बीजेपी से हमारा कोई रिश्ता नहीं है. वोट देने का अधिकार है. वोट देने का अधिकार है तो चुनाव क्यों नहीं लड़ सकते हैं? हमारे पास सभी पार्टी के लोग आते हैं. आंदोलन से वोट की कोई भी उम्मीद नहीं करे. ये किसानों का आंदोलन है. हम चुनाव नहीं लड़ेंगे.”

पीएम मोदी ने क्या कहा?

आज ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में किसान संगठनों से आंदोलन खत्म करने की अपील की. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है. किसान संगठन केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. ये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. वहीं सरकार कानून में संशोधन और इसे कुछ महीने के लिए होल्ड करने के लिए तैयार है. किसान संगठनों और सरकार के बीच 11 दौर की बैठकें हो चुकी है. 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद से सरकार और किसानों के बीच बातचीत बंद है.

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