36 दिन की फरारी के बाद मोगा गांव के गुरुद्वारे से हुई अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी

अमृतपाल सिंह को आज पंजाब पुलिस ने मोगा से गिरफ्तार कर लिया है। ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख को अमस की डिब्रूगढ़ जेल लेकर जाया जा रहा है, जहां इसके दूसरे साथी भी कैद हैं। पुलिस के शिकंजे के बाद अब अमृतपाल की पूरी क्राइम कुंडली सामने आई है। अमृतपाल के पंजाब से लेकर इंटरनेशनल लिंक का खुलासा हुआ है। अमृतपाल सिंह पंजाब के अमृतसर देहात के जल्लुपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है और ये 25 सिंतबर 2022 से हिंदुस्तान में मौजूद है। साल 2012 में अमृतपाल दुबई गया था और वहां अपने पिता तरसेम की संधू कार्गो कंपनी में काम करता था।

अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसवीर सिंह की सूचना पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया. मोगा गांव के जिस रोड़ेवाल गुरुद्वारे से अमृतपाल की गिरफ्तारी हुई है उसका जनरैल सिंह भिंडरावाले से कनेक्शन है. दरअसल, यह उसके पैतृक गांव का गुरुद्वारा है. इसी गुरुद्वारे में पंजाब वारिस दे के प्रमुख अमृतपाल की दस्तारबंदी (पकड़ी बांधने की रस्म) हुई थी.

अमृतपाल सिंह गिरफ्तारी के पहले शनिवार-रविवार की रात में गुरुद्वारे में आया था. गुरुद्वारे के ग्रंथी ने जो बताया उसके मुताबिक उसने सरेंडर किया था. वहीं, पुलिस का कहना है कि उसे गिरफ्तार किया गया है. पंजाब पुलिस के आईजी सुखचैन सिंह गिल ने गिरफ्तारी के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अमृतपाल को किस तरह पकड़ा गया था.

पंजाब पुलिस ने क्या कहा ?

आईजी सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने रविवार सुबह करीब 6 बजकर 45 मिनट पर गांव रोडे से गिरफ्तार किया है. अमृतसर पुलिस और पंजाब पुलिस की इंटेलिजेंस विंग की ओर से एक संयुक्त अभियान चलाया गया था. पुलिस को इनपुट मिला था कि वह रोडे गांव के गुरुद्वारे में आया हुआ है. इसके बाद हमने पूरे गांव को घेर लिया था. इस दौरान गुरुद्वारे की पवित्रता का पूरा ध्यान रखा गया और पुलिस ने गुरुद्वारे में प्रवेश नहीं किया. अमृतपाल को गिरफ्तार कर एनएसए के तहत डिब्रूगढ़ ले जाया गया है.

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