‘अभिनंदन’ को डरा-धमका नहीं सकता PAK, युद्ध-बंदी पर जिनेवा संधि को जानें

नई दिल्ली। भारत की एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भी लड़ाकू विमानों की घुसपैठ तेज कर दी है। भारत ने एक पाकिस्तानी फाइटर जेट को मार गिराया। हालांकि भारत के एक फाइटर प्लेन पर पाकिस्तान ने अटैक किया।
पाकिस्तान ने दावा किया है कि भारत का एक पायलट उनके कब्जे में है। पायलट की पहचान विंग कमांडर अभिनंदन के रूप में की गई है। भारत सरकार ने एक पायलट के लापता होने की बात स्वीकार की है।

भारत और पाक के बीच एक बार फिर से युद्ध छिडऩे की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। हालांकि इमरान खान ने भारत से बातचीत की बात कही है। लेकिन कई रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के बीच हवाई युद्ध हो सकता है। युद्ध होगा तो बेशक बात युद्ध बंदियों तक भी पहुंचती है। जब भी देशों के बीच युद्ध जैसे स्थिति आती है तो हमारे जेहन में पुराने युद्धों के बंदियों की याद ताजा हो जाती है।

युद्ध बंदियों को डरा-धमका नहीं सकते 
ऐसे में यहां आपको ये जानना जरूरी कि युद्ध बंदियों के लिए नियम क्या हैं। अंतर्राष्ट्रीय जिनेवा संधि में युद्धबंदियों को लेकर नियम बनाए गए हैं। इसके तहत युद्धबंदियों को डराने-धमकाने का काम या उनका अपमान नहीं किया जा सकता।

युद्ध के बाद लौटा दिया जाता है
युद्धबंदियों को लेकर जनता में उत्सुकता पैदा भी नहीं करना है। जिनेवा संधि के मुताबिक, युद्धबंदियों पर या तो मुकदमा चलाया जाएगा या फिर युद्ध के बाद उन्हें लौटा दिया जाएगा। पकड़े जाने पर युद्धबंदियों को अपना नाम, सैन्य पद और नंबर बताने का प्रावधान किया गया है।

कुछ देशों ने किया जिनेवा संधि का उल्लंघन
हालांकि, दुनिया के कुछ देशों ने जिनेवा संधि का उल्लंघन भी किया है। जिनेवा संधि का आमतौर पर मतलब दूसरे विश्वयुद्ध के बाद 1949 में तैयार की गई संधियों और नियमों से है। इसका मुख्य मकसद युद्ध के वक्त इंसानी मूल्यों को बनाए रखने के लिए कानून तैयार करना था।

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