कप्तान (पीएम) मोदी के साथ, बहुत अधिक नेट प्रैक्टिस करनी होती है-विदेश मंत्री एस जयशंकर

New Delhi:  विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के कार्यकाल में भारत की विदेश नीति (India’s Foriegn Policy) को समझाने के लिए क्रिकेट से जुड़ी एक उपमा का इस्तेमाल किया और भारत-ब्रिटेन संबंधों के बारे में बात करते हुए ब्लॉकबस्टर ‘आरआरआर’ फिल्म का भी जिक्र किया. देश की राजधानी दिल्ली में रायसीना डायलॉग में विदेश मंत्री ने कहा कि “कप्तान” मोदी अपने गेंदबाजों को तय हद में स्वतंत्रता देते हैं. इस दौरान ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर और इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी केविन पीटरसन भी उनके साथ मंच पर मौजूद थे.

विदेश मंत्री ने कहा, “कप्तान (पीएम) मोदी के साथ, बहुत अधिक नेट प्रैक्टिस करनी होती है. नेट प्रैक्टिस सुबह छह बजे शुरू होती है और काफी देर तक चलती है. वह आपसे उम्मीद करते हैं कि अगर वह आपको ऐसा करने का मौका देते हैं तो आप वह विकेट लें.” जयशंकर ने आगे कहा, “अगर आपके पास कोई खास गेंदबाज है जिस पर आप भरोसा करते हैं और आपने उसे प्रदर्शन करते हुए देखा है, तो आप सही समय पर उसके पास गेंद फेकेंगे. आप स्थिति से निपटने के लिए उस पर भरोसा करेंगे. मुझे लगता है कि इस लिहाज से कप्तान मोदी अपने गेंदबाजों को कुछ हद तक आजादी देते हैं. वह आपसे उम्मीद करते हैं कि अगर वह आपको ऐसा करने का मौका देते हैं तो आप वह विकेट लें. लेकिन मैं कहूंगा कि इसमें से कुछ मुश्किल फैसले भी रहे हैं. लॉकडाउन का फैसला बहुत कड़ा फैसला था, इसे लेना ही था.” उन्होंने पूछा, “अगर हम अब पीछे मुड़कर देखें तो अगर वह फैसला नहीं लिया गया होता तो क्या होता.”

निर्णायक तौर पर ऊपर की ओर जा रहा भारत
भारत के ब्रिटेन से बड़ी अर्थव्यवस्था होने और क्रिकेट को लेकर यहां के लोगों के उत्साह के बारे में पूछे जाने पर, जयशंकर ने कहा, “मैं इसे फिर से संतुलन में आना कहूंगा. यह इतिहास की स्विच-हिटिंग है, यह दूसरी तरह से हिट कर रहा है. भारत एक बहुत ही असामान्य स्थिति में है, एक बार फिर निर्णायक रूप से ऊपर की ओर बढ़ रहा है जो कि बहुत से अन्य सभ्यतागत राज्य करने की स्थिति में नहीं हैं… “

उन्होंने कहा, “पिछले साल भारत में सबसे लोकप्रिय फिल्म ‘आरआरआर’ थी, इसका ब्रिटिश काल से संबंध है…बात ऐसी है कि जब आपका इतिहास इतना जटिल होता है, तो इसका एक नकारात्मक पहलू भी होगा, संदेह होगा, अनसुलझी समस्याएं होंगी.”

जयशंकर ने कहा कि विदेश नीति में बढ़ती रुचि के पीछे भारत का वैश्वीकरण है. उन्होंने कहा, “ऐसा इसलिए है क्योंकि दुनिया एक मुश्किल जगह पर है, ज्यादातर लोग दुनिया में दिलचस्पी ले रहे हैं. दूसरा कारण भारत का वैश्वीकरण है. एक क्रिकेट टीम की तरह, हम केवल घर में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मैच जीतना चाहते हैं.”

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