ठंड का मौसम बढ़ा देती है थाइरॉइड की समस्‍या

सर्दियों का यह मौसम सेहत के लिए कई प्रकार से चुनौतीपूर्ण माना जाता है। सभी लोगों को इसमें विशेष सावधानी और सतर्कता बरतते रहने की आवश्यकता होती है। कुछ बीमारियों के शिकार लोगों के लिए यह मौसम जटिलताओं को बढ़ाने वाला माना जाता है-  उनमें से एक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ठंड के मौसम में स्वाभाविक रूप से थाइरॉइड ग्रंथि के लिए सामान्य कामकाज करना कठिन हो जाता है। ऐसे में आपको विकारों से संबंधित गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं, जिसको लेकर सभी लोगों को ध्यान देते रहने की आवश्यकता है।

डॉक्टर्स कहते हैं, थाइरॉइड की स्थिति, विशेषकर हाइपोथायरायडिज्म (हार्मोन के उत्पादन में कमी) की समस्या वाले लोगों को सर्दियों के मौसम में सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति पर समय रहते ध्यान न देने के कारण मोटापा, इंफर्टिलिटी, आर्थराइटिस और हृदय रोगों का जोखिम अधिक हो सकता है। तापमान में कमी आने के साथ ये जोखिम और भी बढ़ जाते हैं। ऐसे में इसकी जटिलताओं को कम करने के उपाय किए जाना आवश्यक हो जाता है।

जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि ठंड का मौसम थायरॉयड उत्तेजक हार्मोन (TSH) के स्तर को प्रभावित करता है, जिससे इसमें वृद्धि आ जाती है। यदि आप हाइपोथायरायडिज्म के शिकार हैं और थायराइड की दवाओं का सेवन करते हैं, तो इसके साथ आपको दिनचर्या को ठीक रखना भी जरूरी हो जाता है। ऐसे लोगों को डॉक्टर की सलाह पर बचाव के लिए सभी आवश्यक उपाय जरूर करते रहने चाहिए।

इस तरह के हो सकते हैं लक्षण

टीएसएच हार्मोन के स्तर में होने वाली वृद्धि के कारण कई तरह की स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं, इसमें अधिक थकान महसूस होने, अवसाद, ब्रेन फॉग और वजन बढ़ने का जोखिम अधिक देखा जाता रहा है। स्थिति के सही निदान और समस्या के बारे में जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क में रहें। वास्तविक स्थिति के लिए नियमित जांच और रक्त स्तर की जांच करवाएं, इसी के आधार पर डॉक्टर दवाइयों को समायोजित करते हैं।
शरीर को ठंड से बचाने के साथ दिनचर्या को ठीक रखना भी जटिलताओं के जोखिम को कम करने के लिए आवश्यक माना जाता है।

धूप में बिताएं समय

थाइरॉइड की जटिलताओं को कम करने के लिए धूप में समय बिताना फायदेमंद माना जाता है। सूर्य के संपर्क में रहने से शरीर को विटामिन-डी प्राप्त होता है जो इस तरह की समस्याओं को कम करने में आपके लिए लाभकारी है। रोजाना 20-30 मिनट सूर्य के प्रकाश में बैठना थाइरॉइड की जटिलताओं को कम करने के साथ थकान और अवसाद को दूर करने में भी लाभकारी है। हड्डियों को स्वस्थ रखने में भी इससे लाभ पाया जा सकता है।

नियमित व्यायाम जरूरी

संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए विशेषज्ञ सभी लोगों को दिनचर्या में योगासनों-व्यायाम को शामिल करने की सलाह देते हैं। शरीर को सक्रिय रखने और नियमित व्यायाम की दिनचर्या बनाने से थाइरॉइड विकारों में भी लाभ पाया जा सकता है। योग न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद करते हैं, साथ ही इसके नियमित अभ्यास से कई प्रकार की बीमारियों के जोखिमों को कम करने में भी लाभ मिलता है।

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