मानहानि केस में सजा के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म

New Delhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म हो गई है। बता दें कि सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ से जुड़े बयान को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें गुरुवार को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने IPC के सेक्शन 504 के तहत गांधी को दोषी करार दिया, जो शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने से संबंधित है। फैसला सुनाए जाते समय राहुल गांधी अदालत में मौजूद थे।

मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी की न सिर्फ सदस्यता गई है, बल्कि अगर उपरी अदालत से उनको राहत नहीं मिलती है, तो वह अगले 8 सालों के लिए चुनावी राजनीति से बाहर हो जाएंगे। दरअसल, कानून कहता है कि 2 साल तक अगर किसी विधायक या सांसद को सजा होने पर उसकी सदस्यता रद्द हो जाएगी। इसके बाद सजा खत्म होने पर भी वह 6 साल तक चुनाव लड़ने पर अयोग्य माना जाएगा। ये नियम कोर्ट का फैसला आने के तुरंत बाद लागू हो जाता है। ये नियम जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 8 (3) के तहत लागू होता है।

लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है। बता दें कि राहुल गांधी केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद हैं।

कांग्रेस ने कहा, दबाई जा रही विपक्ष की आवाज
वहीं, राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने के बाद कांग्रेस हमलावर मूड में है। पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राहुल गांधी को सच बोलने की सजा मिली है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है। वहीं, पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘हम कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह से इस लड़ाई को लड़ेंगे। हम डरने या चुप रहने वाले नहीं हैं। प्रधानमंत्री से जुड़े अडानी महाघोटाले में JPC के बजाय राहुल गांधी को अयोग्य करार दिया गया है। भारतीय लोकतंत्र ओम शांति।’

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