बायजूस पर ED ने कसा शिकंजा, संस्थापक रवींद्रन के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी

ED On BYJU'S:बायजूस पर ED ने कसा शिकंजा, संस्थापक रवींद्रन के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी

ED On BYJU’S: एजुकेशन की दुनिया में बायजूस मतलब सफलता की गारंटी. पिछले डेढ़ साल से एडटेक प्लेटफार्म बायजूस को लेकर कई बुरी खबरें आई हैं. अब नौबत यहां तक आ पहुंची है कि कंपनी के कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए बॉस बायजू रविंद्रन को अपना घर तक गैरवी रखना पड़ रहा है.

कैसे शुरू हुआ BYJU’s
BYJU’s के कॉनसेप्ट के पीछे बायजू रविंद्रन का दिमाग था. ट्यूशन बिजनेस में मिली जबरदस्त सफलता के बाद बायजू रविंद्रन नौकरी छोड़ कोचिंग के कारोबार में उतर गए. 2007 में एक टीचर के तौर पर उनकी लोकप्रियता चरम पर थी. इसी शोहरत को भुनाने के लिए बायजू रविंद्रन ने 2011 में थिंक एंड लर्न नाम की कंपनी बनाई और बायजू का ऑनलाइन वर्जन लॉन्च लेकर आए.

बायजू रविंद्र का यह प्रयोग सफल रहा क्योंकि उनकी ऑनलाइन क्लासेज के वीडियो लाखों छात्रों तक पहुंचे. इसके बाद साल 2015 में उन्होंने बायजू ऐप लॉन्च किया, जो उनके लिए गेम चेंजर साबित हुआ. इसके साथ ही कंपनी एडटेक सेक्टर में देश की नंबर 1 कंपनी बन गई.

कोरोना के दौरान खुब बढ़ा कारोबार

कोरोना महामारी के समय जब लॉकडाउन लगा तो स्‍कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर सब बंद हो गए. यह समय बायजू के लिए वरदान साबित हुआ और कंपनी का बिजनेस खूब बढ़ा. जून 2020 में Byju’s दुनिया में सबसे ज्यादा वैल्यूएशन वाला एडटेक स्टार्टअप बन गई. इस समय कंपनी की वैल्यूएशन 85 हजार करोड़ रुपये के आसपास पहुंच चुकी थी. इस दौरान Byju’s ने तेजी से अपना बिजनेस बढ़ाया और कई स्टार्टअप्स शुरू किए. कंपनी ने आकाश इंस्टीट्यूट, आई रोबोट ट्यूटर, हैशलर्न, व्हाइट जूनियर और टॉपर जैसी कई कपंनियों का अधिग्रहण कर लिया. इसके लिए बायजू ने 1.2 बिलियन डॉलर का कर्ज तक ले लिया.

आय 30 करोड़ रही जबकि खर्च 150 करोड़ रुपये

कोरोना काल में बायजू ने जबरदस्त तरक्की हासिल की, लेकिन महामारी के खत्म होने के बाद मानो बायजू की बर्बादी की उल्टी गिनती शुरू हो गई. दरअसल कोविड प्रतिबंध खत्म होने के बाद ऑनलाइन कोचिंग को लेकर छात्रों की रूचि कम होने लगी. इससे बायजू के कारोबार को बड़ा धक्का लगा. छात्रों की घटती संख्या के कारण बायजू की आय कम हो गई लेकिन भारी-भरकम निवेश के कारण खर्च बरकरार रहे. एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार, एक समय ऐसा आ गया जब कंपनी की मासिक आय 30 करोड़ रही जबकि खर्च 150 करोड़ रुपये था. ऐसे हालात में बायजू पर लोन चुकाने का बोझ बढ़ता गया.

ये है आरोप

दरअसल ईडी बायजूस क़े खिलाफ फेमा के तहत जाँच कर रही है. कंपनी पर 2200 करोड़ रुपए विदेशों से पैसा लेने का आरोप है.साथ ही आरोप यह भी लगाया गया है कि कंपनी ने अवैध तरीके से 9 हजार करोड़ रुपये भी बाहर भेजा. दरअसल कंपनी ने साल 2021 के नंबर में विदेशी बाजार से करीब 1.2 अरब डॉलर का लोन जुटाया था. इसके करीब 8 महीने बाद कंपनी ने कहा कि उसके ऑडिटेड रिजल्ट में देरी हो रही है. तब अगस्त में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी से वित्तीय परिणाम भेजने में 17 महीने की देरी का कारण पूछा. यहां से कंपनी की मुश्किलें बढ़नी शुरु हो गई.

Related Articles

Back to top button