राजस्थान संकट पर सोनिया गांधी ने पर्यवेक्षकों से मांगी लिखित रिपोर्ट

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की राजस्थान इकाई में चल रहे संकट को लेकर पार्टी के दोनों पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से लिखित रिपोर्ट तलब की है। खड़गे और माकन ने सोनिया गांधी से सोमवार को यहां मुलाकात की। डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चली मुलाकात के बाद माकन ने कहा कि जयपुर में रविवार शाम विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सहमति से बुलाई गई थी। उन्होंने कहा, “हमने सोनिया गांधी को पूरी जानकारी दी, उन्होंने लिखित रिपोर्ट मांगी है। हम आज रात या कल सुबह तक रिपोर्ट देंगे।”

कमलनाथ भी पहुंचे 10 जनपथ

पर्यवेक्षकों ने यह भी कहा कि पार्टी की ओर से बुलाई गई विधायक दल की बैठक के समानांतर, अगर कोई बैठक बुलाई गई है, तो वह प्रथम दृष्टया ‘अनुशासनहीनता’ है। दोनों पर्यवेक्षक सीधे जयपुर से दिल्ली पहुंचे और इसके बाद 10 जनपथ पहुंचकर सोनिया गांधी से मिले। कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल भी बैठक में मौजूद थे। पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने भी सोनिया गांधी से मुलाकात की है। माना जाता है कि गहलोत से कमलनाथ के अच्छे रिश्ते हैं और संकट सुलझाने की जिम्मेदारी उन्हें दी जा सकती है।

अलग से बैठक को बताया अनुशासनहीनता
उल्‍लेखनीय है कि राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार रात को मुख्‍यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार कई विधायक बैठक में नहीं आए। उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से वे विधानसभा अध्‍यक्ष डॉ. सीपी जोशी से म‍िलने गए। राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने संवाददाताओं से कहा कि जब विधायक दल की कोई आधिकारिक बैठक बुलाई गई हो और यदि कोई उसी के समानांतर एक अनाधिकारिक बैठक बुलाए, तो यह प्रथमदृष्टया ‘‘अनुशासनहीनता’’ है। माकन ने कहा, ‘‘आगे देखेंगे कि इस पर क्‍या कार्रवाई होती है।’’

पायलट प्रोजेक्ट पर लगा ब्रेक!
जयपुर में गहलोत गुट के विधायकों से संवाद के बाद अजय माकन और मल्लिका अर्जुन खड़गे राजस्थान से दिल्ली लौट आए और दिल्ली में सोनिया गांधी के साथ मुलाकात करके पूरे राजस्थान के घटनाक्रम की जानकारी दी। इस बैठक में कमलनाथ और वेणुगोपाल भी मौजूद थे। लेकिन मौजदा हालात में तो अशोक गहलोत ने राजस्थान में सोनिया गांधी के पायलट प्रोजेक्ट पर ब्रेक लगा दिया है। 90 विधायकों की ताकत दिखाकर अशोक गहलोत ने फिलहाल हाईकमान को पस्त, पराजित और परेशान कर दिया है। राजस्थान में अशोक गहलोत के सियासी वीर सचिन पायलट से लेकर हाईकमान के आदेश पर लगातार तीर चला रहे हैं। राजस्थान में मीटिंग करके दिल्ली में हाईकमान के लिए शर्तें भेज रहे हैं।

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