Heat wave: क्या होता है लू, मौसम विभाग के येलो, ऑरेंज, रेड अलर्ट का क्या मतलब है? कैसे पता लगाते हैं….
Heat wave: राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है. सुबह से ही निकलने वाली धूप ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं. आगामी दिनों में लू का सबसे ज्यादा असर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली पर पड़ने का अनुमान है. मौसम विभाग ने हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ और दिल्ली के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है. इस दौरान लोगों को लू से बचने को कहा गया है.
Heat wave: लू किस स्थिति को कहते हैं
मौसम विभाग के अनुसार लू की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब अधिकतम तापमान सामान्य तापमान से 4.5 डिग्री या इससे अधिक होता है और कम से कम 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. मेडिकल साइंस के मुताबिक, लंबे समय तक तेज धूप में रहने से शरीर का तापमान एकदम से बढ़ जाता है और बॉडी खुद के तापमान को कंट्रोल नहीं कर पाता. इसी परिस्थिति को लू लगना कहा जाता है.
जी मिचलाना, उल्टी और मतली की शिकायत, लूज मोशन, तेज बुखार, डिमेंशिया, सिरदर्द या चक्कर आना, धड़कन तेज होना, मांसपेशियों में ऐंठन और बेहोशी की हालत होना, ये सब लू लगने के लक्षण होते हैं.
लू लगने से शरीर में पानी की अचानक से कमी हो जाती है. डिहाइड्रेट होने से बेहोशी आ जाती है. कई बार तो बॉडी का तापमान 105 डिग्री फारेनहाइट से भी ज्यादा हो जाता है. जिसे सेंट्रल नर्व सिस्टम में दिक्कतें शुरू हो जाती है.
Heat wave: मौसम विभाग कैसे लगाता है पता
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) वर्तमान और पूर्वानुमानित मौसम संबंधी जानकारी प्रदान करता है. चक्रवात, धूल भरी आंधी, भारी बारिश, बर्फ, ठंड और लू आदि जैसी गंभीर मौसम की घटनाओं को लेकर आईएमडी समय-समय पर चेतावनी जारी करता है. ताकि इनसे होने वाले नुकसान से बचा जा सके और मौसम को लेकर लोग सतर्क रहें. मौसम कैसा होने वाला है, यह सारी जानकारी जुटाने में हाई-स्पीड कंप्यूटर, मौसम संबंधी उपग्रह, एयर बैलून और मौसम रडार की अहम भूमिका होती है. आईएमडी इन सारे मिले डेटा का अध्ययन करता है, साथ ही वर्तमान डेटा और मौसम के पिछले डेटा को भी देखता है. जिसके बाद मौसम की भविष्यवाणी की जाती है.
Heat wave: येलो, ऑरेंज, रेड अलर्ट का क्या मतलब है
आईएमडी मौसम संबंधी चेतावनी के लिए चार रंग का इस्तेमाल करता है- ‘ग्रीन’, ‘येलो’, ‘ऑरेंज’ और ‘रेड’. ‘ग्रीन’ अलर्ट का अर्थ है कि कोई कार्रवाई आवश्यक नहीं है जबकि ‘येलो’ अलर्ट में मौसम के काफी खराब होने की आशंका होती है. वहीं ‘ऑरेंज’ अलर्ट में मौसम के अत्यधिक खराब होने की आशंका को लेकर चेतावनी दी जाती है. ‘रेड’ अलर्ट में मौसम के काफी खराब होने और जानमाल के नुकसान की आशंका के बीच लोगों को आगाह किया जाता है.
Heat wave: लू से कैसे बचें, क्या-क्या करें
लू के दौरान लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी जाती है. जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलें. घर से बाहर जाते समय सिर पर छाता, टोपी, तौलिया, दुपट्टा जरूर रखें. इसके अलावा सनस्क्रीन, धूप का चश्मा और ढीले-हल्के रंग के फूल बाजू की कमीज वगैरह पहनकर ही धूप में जाएं. बाहर निकलने से पहले भरपूर मात्रा में पानी, छाछ, लस्सी, जूस वगैरह पीकर बॉडी को हाइड्रेटेड कर लेना चाहिए.
घर आने पर नींबू-पानी, तरबूज-खरबूज, खीरा-ककड़ी, नारियल पानी, बेल का शरबत वगैरह जरूर पीएं. इन्हें पीने से शरीर का तापमान सही बना रहता है और डिहाइड्रेट की समस्या नहीं होती है.
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वहीं लू लगने पर तुरंत ठंडी, छायादार या हवादार जगह पर चले जाएं और कपड़े ढीले कर ले. ताकि शरीर को हवा लग सके. इसके अलावा शरीर पर ठंडा पानी डाले और ठंडी चीज का सेवन करें. हार्ट-बीट और सांस की गति को नोट भी करते रहें और डॉक्टर से मिलकर दवा जरूर ले.
मौसम विभाग ने शरीर में पानी की कमी नहीं हो, इसके लिए पर्याप्त पानी पीने और ओआरएस या घर पर बने पेय जैसे लस्सी, तोरानी (चावल का पानी), नींबू पानी और छाछ का उपयोग करने का सुझाव भी दिया.