निर्भया के दोषियों को एक साथ होगी फांसी या अलग अलग, फैसला आज

नई दिल्ली: निर्भया केस में आज सुनवाई का बेहद अहम दिन है। आज दिल्ली हाई कोर्ट फैसला सुनाएगा कि निर्भया के गुनहगारों को एक साथ ही फांसी दी जानी चाहिए या उन्हें अलग अलग भी फांसी दी जा सकती है। 31 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के गुनहगारों की फांसी पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी थी जिसे केन्द्र सरकार और तिहाड़ जेल प्रशासन ने चुनौती दी है।

हाई कोर्ट तय करेगा की दोषियों को एक साथ फांसी होगी या नहीं क्योंकि अभी तक दिल्ली जेल मैनुअल का हवाला देकर दरिंदें बचते आ रहे थे। कोर्ट ये भी तय करेगा कि दोषियों ने कानूनी लूप होल्स का नाजायज फायदा उठाया है नहीं। 1 फरवरी को दिल्ली हाई कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी थी कि एक दोषी की याचिका लंबित होने पर 3 दोषियों को फांसी से राहत नहीं दी जा सकती।

मंगलवार को ‘निर्भया’ के माता-पिता ने हाई कोर्ट से अनुरोध किया कि वह केंद्र की संबंधित याचिका के निपटारे में देरी न करे। जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने उन्हें जल्द से जल्द फैसला सुनाए जाने का भरोसा दिलाया।

सुनवाई के दौरान केंद्र ने दलील दी कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को एक-एक कर फांसी देने में दिल्ली को कोई समस्या नहीं, तिहाड़ को कोई समस्या नहीं, कोई नियम ऐसा करने से नहीं रोकता, कुछ खास परिस्थितियों को छोड़कर। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में लोगों ने रेप के दोषियों के एनकाउंटर का जश्‍न मनाया था। लोगों का यह जश्‍न पुलिस के लिए नहीं था, बल्कि इंसाफ के लिए था।

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