नासा आज चांद पर भेज रहा ‘मून रॉकेट’, आर्टेमिस-1 लॉन्चिंग के लिए तैयार

NASA का अब तक का सबसे ताकतवर स्पेस रॉकेट धरती को छोड़कर अंतरिक्ष में रवानगी के लिए तैयार है। नासा Artemis-1 मिशन के तहत अपनी पहली टेस्ट फ्लाइट अंतरिक्ष में भेज रहा है।यह स्पेसक्राफ्ट आज सोमवार शाम को अपने फ्लोरिडा लॉन्चपैड से उड़ान भरेगा। Artemis 1  मिशन के अंतर्गत ओरियन स्पेसक्राफ्ट को भेजा जाएगा। इसमें ऊपर 6 लोगों के बैठने के लिए डीप स्पेस एक्सप्लोरेशन कैप्सूल है। इसमें 322 फीट लंबा 2600 टन वजन वाला लॉन्च सिस्टम मेगारॉकेट होगा। यह रॉकेट आज पहले लिफ्टआफ के लिए तैयार है। इसे फलोरिडा के केप कैनावेरल लॉन्च कॉम्पलेक्स से लॉन्च किया जाएगा। आधी सदी पहले अपोलो लूनर मिशन को लॉन्च किया गया था।इसे उसी कैप केनावेरल से लॉन्च किया जाएगा, जहां से आधी सदी पहले अपोलो लूनर मिशन लॉन्च किया गया था। चांद पर इंसानों को भेजने का एक टेस्अ है। फिलहाल इसमें कोई क्रू मेंबर नहीं जाएगा। ओरियन में इंसानों के स्थान पर उनके पुतलों को बैठाया जाएगा। इससे नासा नेक्स्ट जनरेशन स्पेससूट और रेडिएशन के स्तर का मूल्यांकन किया जाएगा। ओरियन स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा के चारों ओर करीब 42 दिन की यात्रा करेगा। यह मिशन सफल हुआ तो 2025 तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहली महिला और दो स्पेस यात्रियों को उतारा जाएगा।

नासा अपने 2025 के मिशन दल में पहली बार एक महिला अंतरिक्ष यात्री को भी उतारेगा। इससे पहले नासा अपोलो मिशन के तहत भी चांद पर इंसानों को भेज चुका है। अब दूसरी बार चांद पर इंसानों को भेजने की तैयारी कर चुका है।

चांद पर उतरने वाले पहले मानव

अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्म स्ट्रांग पहली बार 20 जुलाई 1969 को चांद की सतह पर उतरे थे। तब उनकी उम्र महज 38 वर्ष थी। उनके साथ एक अन्य साथी एडविन एल्ड्रिन भी थे। यह यान 16 जुलाई को धरती से उड़ान भरने के बाद 20 जुलाई को अंतरिक्ष पहुंचा था। इस यान को पहुंचने में चार दिन का समय लगा था। यह यान 21 घंटे 31 मिनट तक चांद पर रहा और फिर सभी यात्रियों को सुरक्षित लेकर वापस धरती पर आ गया। तब से नील आर्म स्ट्रांग का नाम इतिहास के सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया। वर्ष 2012 में नील आर्म स्ट्रांग का निधन हो गया।

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