नए कृषि कानूनों से किसानों और मजदूरों को ‘खत्म’ कर रहे PM मोदी: राहुल गांधी

संगरूर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन कृषि कानूनों से ‘किसानों और मजदूरों को वैसे ही खत्म’ कर रहे हैं जैसे उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी से छोटे दुकानदारों को ‘बर्बाद’ कर दिया था। राहुल ने यहां एक सभा को संबोधित करते हुए भाजपा नीत केंद्र सरकार से सवाल किया कि इस महामारी के समय भी कानून लाने की क्या जल्दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘जिस प्रकार उन्होंने (मोदी) जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) और नोटबंदी से छोटे दुकानदारों और छोटे व मंझोले व्यवसायों को समाप्त कर दिया, उसी प्रकार वह किसानों और श्रमिकों को खत्म कर रहे हैं तथा इन तीन कानूनों से आपका गला काटा जा रहा है। राहुल गांधी ने अनाजों की खरीद और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया और स्वीकार किया कि उनमें कमियां थीं।उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रणाली को मजबूत बनाने की आवश्यकता है और अधिक संख्या में मंडियों को स्थापित करने की आवश्यकता है। एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी देने की जरूरत है। किसानों को बुनियादी ढांचा मुहैया कराने की जरूरत है। भंडार गृह स्थापित करने की आवश्यकता है।’’ राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘नरेंद्र मोदी ऐसा नहीं कर रहे हैं। मोदी व्यवस्था को मजबूत नहीं कर रहे हैं… अगर मोदी बेहतर पीडीएस देते हैं और एमएसपी की गारंटी देते हैं, ज्यादा मंडियां देते हैं तो अंबानी और अडानी पैसा नहीं बना सकते।’’ राहुल केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में राज्य भर में खेती बचाओ यात्रा नाम से ट्रैक्टर रैलियों की एक श्रृंखला का आयोजन कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री पर ‘व्यवस्था को चौपट’ करने का आरोप लगाया।

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी सभा को संबोधित किया और नए कानूनों को लेकर केंद्र पर निशाना साधा। सिंह ने उन्हें ‘काला कानून’ बताते हुए कहा कि उनकी सरकार लड़ाई को आगे बढ़ाएगी और किसानों के हितों की रक्षा के लिए हर कदम उठाएगी। सिंह ने कहा, यह किसानों के साथ पूरी तरह से अन्याय है। इस मौके पर पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत, पंजाब कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़, मंत्री बलबीर सिद्धू, विजय इंदर सिंगला, राणा गुरमीत सोढ़ी और राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा भी मौजूद थे। हालांकि, विधायक और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू मौजूद नहीं थे।

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