डिजिटल यूनिवर्सिटी भविष्य के लिए फायदेमंद, बजट में शिक्षा व्यवस्था पर जोर-PM मोदी
शिक्षा मंत्रालय के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि उनकी सरकार क्वालिटी एजुकेशन को बढ़ावा दे रही है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-विद्या हो, वन क्लास वन चैनल हो, डिजिटल लैब्स हों, डिजिटल यूनिवर्सिटी हो, ऐसा एजुकेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर युवाओं को बहुत मदद करने वाला है। नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी, भारत की शिक्षा व्यवस्था में अपनी तरह का अनोखा और अभूतपूर्व कदम है। उन्होंने कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी ही है जिसने वैश्विक महामारी के इस समय में हमारी शिक्षा व्यवस्था को बचाए रखा। हम देख रहे हैं कि कैसे भारत में तेजी से डिजिटल डिवाइड कम हो रहा है। इनोवेशन हमारे यहां inclusion सुनिश्चित कर रहा है।केंद्रीय बजट का सकारात्मक प्रभाव पर चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी देश के भविष्य की कर्णधार है और भविष्य के राष्ट्र निर्माता भी हैं। आज की युवा पीढ़ी को सशक्त करने का मतलब है भारत के भविष्य को सशक्त करना है। इसी सोच के साथ 2022 के बजट में शिक्षा क्षेत्र में 5 बातों पर ज़ोर दिया गया है। पहला है यूनिवर्सलाइजेशन ऑफ क्वालिटी एजुकेशन से हमारी शिक्षा व्यवस्था का विस्तार हो, उसकी क्वालिटी सुधरे और एजुकेशन सेक्टर की क्षमता बढ़े, इसके लिए अहम निर्णय लिए गए हैं। दूसरा स्किल डेवलपमेंट है जिससे देश में डिजिटल स्किलिंग इकोसिस्टम बने। तीसरा महत्वपूर्ण पक्ष है- अर्बन और डिज़ाइन जिससे भारत का जो पुरातन अनुभव और ज्ञान है, उसे हमारी आज की शिक्षा में समाहित किया जाए। चौथा अहम पक्ष है अंतर्राष्ट्रीयकरण जिससे भारत में वर्ल्ड क्लास विदेशी यूनिवर्सिटियां आएं। पांचवा पक्ष बताते हुए मोदी ने कहा कि पांचवा महत्वपूर्ण पक्ष है- AVGC- यानि एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स इन सभी में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और एक बहुत बड़ा ग्लोबल मार्केट है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास बहुत आवश्यक है। बजट सिर्फ आंकड़ों का लेखा-जोखा नहीं है। बजट हम सही ढंग से सही समय पर सही तरीके से उपयोग करें तो हमारे सीमित संसाधनों से भी हम बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं। डिजिटल यूनिवर्सिटी में वो ताकत देख सकता हूं कि ये यूनिवर्सिटी हमारे देश में सीटों की समस्या को पूरी तरह से समाप्त कर सकती है।