क्यों चुनी गई 23 अगस्त की ही तारीख…चांद के रहस्यों से उठेगा पर्दा

New Delhi: चंद्रयान-3 का लैंडर रोवर विक्रम आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद की सतह पर कदम रखेगा। जानिए चंद्रयान की लैंडिंग के लिए इसरो ने 23 अगस्त की ही तारीख क्यों तय की।

चंद्रयान-3 में लगा लैंडर और रोवर चांद की सतह पर उतरने के बाद सूरज की रौशनी का इस्तेमाल करेगा, जो कि इसके इक्विपमेंट्स के चार्ज रहने के लिए जरूरी है। चांद पर 14 दिन तक दिन और अगले 14 दिन तक रात रहती है, दिन में काफी गर्मी होती है तो वहीं रात में काफी ठंड होती है और दक्षिणी ध्रुव पर तापमान माइनस 230 डिग्री तक चला जाता है । इसीलिए चंद्रयान ऐसे वक्त में चांद पर उतरेगा जब वहां 14 दिन सूरज की रोशनी रहेगी।

इसरो ने लैंडर और रोवर के लिए 23 अगस्त का ही दिन चुना है जिसका कारण यह है कि चांद पर रात्रि के 14 दिन की अवधि 22 अगस्त को समाप्त हो रही है और 23 अगस्त से चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सूरज की रौशनी उपलब्‍ध रहेगी। आज से यानी 23 अगस्त से 5 सितंबर के बीच दक्षिणी ध्रुव पर धूप निकली रहेगी जिसकी मदद से चंद्रयान का रोवर चार्ज होता रहेगा और अपने मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकेगा।

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