चीन की चालबाजी पर भारत सख्त, विंटर ओलंपिक सेरेमनी का किया बायकॉट, सीधा प्रसारण भी नहीं होगा

भारत के खिलाफ चीन लगातार चालबाजी करता रहता है। लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्ते फिलहाल सामान्य नहीं है। इन सबके बीच चीन ने विंटर ओलंपिक को लेकर भी एक ऐसा कदम उठाया है जो भारत को कभी भी रास नहीं आएगा। दरअसल, चीन ने बीजिंग विंटर ओलंपिक में गलवान घाटी संघर्ष में शामिल एक सैन्य कमांडर को मशाल वाहक बनाया है। यही कारण है कि भारत में अब विंटर ओलंपिक का बहिष्कार कर दिया है। इतना ही नहीं, प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पति ने कहा हा कि डीडी स्पोर्ट्स चैनल बीजिंग में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह का सीधा प्रसारण नहीं करेगा।इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सैन्य कमांडर को इस तरह से सम्मानित करने के चीन के कदम को अफसोसनाक करार दिया। अरिंदम बागची ने कहा कि खेद है कि चीन ने ओलंपिक का राजनीतिकरण करना चुना है। भारतीय दूत बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे। पीएलए के गलवान घाटी के कमांडर को शीतकालीन ओलंपिक मशाल देकर चीन द्वारा सम्मानित किए जाने के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने इस मुद्दे पर रिपोर्ट देखी है। यह अफसोस की बात है कि चीन ने ओलंपिक जैसे आयोजन का राजनीतिकरण करना चुना।’’

गौरतलब है कि गलवान घाटी में 15 जून 2020 को संघर्ष में शामिल पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के रजिमेंट कमांडर को बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक के मशाल वाहक के रूप में चुना है। 15 जून 2020 को गलवान घाटी में संघर्ष के बाद पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद बढ़ गया था। इस संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे। पिछले वर्ष फरवरी में चीन ने आधिकारिक रूप से स्वीकार किया कि उसके पांच सैन्य अधिकारी एवं जवान शहीद हुए थे।

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