कल्पतरू आश्रम, मुराद नगर में होगा 10 दिवसीय आवासीय प्रज्ञा वेलनेस शिविर

(ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा , गंगा किनारे, शान्ति मय  प्राकृतिक वातावरण की गोद में)* __ **
*तरंगों के माध्यम से होता है इलाज*
प्रज्ञा चैतन्य फाउंडेशन ट्रस्ट के  संस्थापक तपस्वी चैतन्य गुरू जी के सानिध्य में 10 सितंबर से 18 सितंबर तक 9 दिवसीय, आवासीय ध्यान मनोयोग साधना एवं नेचुरोपैथी शिविर का कल्पतरू आश्रम, मुरादनगर, उत्तरप्रदेश में आयोजित किया जा रहा है।
आधुनिक विज्ञान भी यह मानता है कि मनुष्य के शरीर के 90% रोग पहले उसके मन में पैदा होते हैं और काफी समय बाद में शरीर में दिखाई देते हैं आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भारतीय अध्यात्मिक द्वारा निर्धारित स्थूल शरीर (physical body) सूक्ष्म शरीर (mental body)व  कारण शरीर (astral body) को मानता है लेकिन उसकी विवशता यह है कि उसकी उपचार तकनीक केवल स्थुल  शरीर तक ही कार्य कर पाती है इस कारण आधुनिक चिकित्सा विज्ञान अपूर्ण है इस बात की पुष्टि स्वयं वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई बायोवेल मशीन से होती है।
बायोवेल जांच वर्तमान मे रोगों को निर्धारित करने के लिए   doctors ultrasound , sonography ,CT scan ,MRI ,ECG इत्यादि जांच करवाते हैं जिसमें विद्युत चुम्बकीय तरंगों  ( electromagnetic frequency)में जो विसंगति नजर आती है उस से रोग  को निर्धारित (diagnose) किया जाता है और बीमारी का इलाज दवाओं से किया जाता है यानी कि शरीर के बीमार होने के बाद इलाज। बायोवेल जांच में व्यक्ति की शारीरिक ( physical) मानसिक( mental) एवं आत्मिक ( astral) शक्ति का विद्युत चुंबकीय तरंगों के माध्यम से मापा जाता है इसके द्वारा शरीर के प्रत्येक अंग की उर्जा को माप कर आगामी 6 वर्षों की अवधि में विभिन्न अंगों में होने वाले दुष्परिणामों को जांचा जाता है उदाहरण के लिए आजकल cancer, Parkinson ,Alzheimer जैसी अनेक बीमारियों का अंतिम स्टेज पर पता चलता है। अब हम इस मशीन से जांच कर जानलेवा बीमारियों को प्रारंभिक अवस्था में आने से पहले ही पहचान कर व्यक्ति को इससे बचा सकते हैं |इस मशीन से मानसिक  एव संवेदात्मक  दबावों  ( Mental,emotional pressure) को माप कर मानसिक रोगों से बचा जा सकता है इस जांच से ज्ञात स्थिति को साधना की विधि अपनाकर शारीरिक, मानसिक ,संवेदनात्मक एवं आध्यात्मिक स्थितियों को बदलकर दीर्घायु अवस्था तक शांत , समृद्ध एवं आनंदमय जीवन जिया जा सकता है !बायोवेल मशीन रूस के वैज्ञानिक डॉ kortokov के द्वारा निर्मित एक अद्भुत मशीन है रूस में इस मशीन से जांच को अस्पतालों में सरकारी मान्यता प्राप्त है।
इस शिविर की विशेषता Biowell Test* (23 पेज की रिपोर्ट) है । जिसमें आपकी मौजूदा और आगामी संभावित बीमारियों की पहचान कर बेहतर और सटीक इलाज किया जा सकेगा । 9 दिन में कितना बेहतर इलाज हुआ Practical देखने का मौका मिलेगा!
शिविर में गुरु जी  साधकों को ओमकार साधना योग निद्रा एवं समाधि की तकनीक सिखाएंगे ।
इस के साथ साथ  गुरु जी के मार्गदर्शन में प्राकृतिक चिकित्सा की व्यवस्था  की जाएगी और  साथ ही सकारात्मक सोच को व्यवहार में उतारना और स्वस्थ एवं आनंदमय जीवन जीने की कला ,उचित खानपान से हमारे स्वास्थ्य एवं मनोवृति पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी प्रकाश डालेंगे
प्रथम फाउंडेशन ट्रस्ट के संस्थापक चैतन्य गुरु जी द्वारा पिछले 30 वर्षों से देश-विदेश में चैतन्य जागरण अभियान चलाया जा रहा है यह ट्रस्ट सामाजिक उत्थान के विभिन्न कार्यक्रम चलाती रहती है जिसमें महिला सशक्तिकरण , शिक्षा पर्यावरण संरक्षण , योग एवं स्वच्छता शिविर आदि शामिल है ।
प्रज्ञा वेलनेस प्रोग्राम में सिखाई जाने वाली साधना पुरातन एवं मौलिक आध्यात्मिक ज्ञान पर आधारित एक वैज्ञानिक पद्धति है ।चैतन्य गुरु जी इस साधना को आधुनिक जीवन शैली में आ रहे बदलावों से जोड़कर इसे विज्ञान की कसौटी पर कसते हुए आम लोगों तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।
इस शिविर का पहला चरण है ओमकार साधना anti aging technique यह लगभग 25 मिनट की क्रिया है जिसमें विशेष प्रकार से पांच-पांच मिनट के 5 चरणों में अकार उकार मकार को ऊंचा बोलकर स्वास्थ्य से जुड़ने की तकनीक है जो शरीर की विभिन्न ग्रंथियों में होने वाली रासायनिक क्रियाओं को बदलकर उन्हें जीवन शक्ति एवं ऊर्जा में परिवर्तित करती है जिससे शरीर की प्रत्येक कोशिका में जीवन ऊर्जा और शक्ति का संचार होता है यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कई लाख गुना बढ़ जाती है और किसी भी पुरानी से पुरानी अनुवांशिक या असाध्य शारीरिक बीमारियां जैसे मोटापा, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर,हाई ग्रेड टीवी, कैंसर जैसी बीमारियों का भी निदान हो सकता है….
प्रज्ञा वैलनेस शिविर का दूसरा चरण है *योग निद्रा (brain longivity)*
यह दुर्लभ ब्रह्मविद्या है यह इंसान द्वारा मन को वश में करने की एक महत्वपूर्ण खोज है शिविर में गुरुजी आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए मानव शरीर विज्ञान के सहायता से बड़ी आसानी से सिखा देते हैं ।35 मिनट की यह पद्धति मस्तिष्क के निर्माण और न्यूरोट्रांसमीटर को शक्ति प्रदान करती है जिससे साधकों को तनावमुक्त होकर गहरी शांति मिलती है जिसमें  कुंठा  व तनाव से बाहर आ और आनंद व स्फूर्ति से जीत सकते हैं।
इस शिविर का तीसरा चरण है
 *प्राकृतिक चिकित्सा* -जिस प्रकार पशु पक्षी बिना किसी दवाई के स्वयं के बीमार होने पर प्राकृतिक उपायों से स्वयं चिकित्सा का स्वस्थ होते हैं ठीक उसी प्रकार मानव शरीर भी प्रकृति प्रदत है और यह भी पूर्णतया प्राकृतिक उपायों से ही चिकित्सा कर स्वस्थ हो सकता है इसी बात को ध्यान में रखकर ही शिविर में प्राकृतिक चिकित्सा की व्यवस्था की जाती है जिस के अंतर्गत
पंच कर्मा ( स्टीम बाथ, मिट्टी चिकित्सा , जल व सूत्र नेति, मिट्टी मालिश व स्नान आदि भी शामिल हैं।
और इस
शिविर का सबसे महत्वपूर्ण चरण  है
शिविर में खाद्य पदार्थों के प्रति जागरूक करके सात्विक भोजन दिया जाता है जो कि विटामिन मिनरल्स आदि से भरपूर होता है।
प्रज्ञा चैतन्य फाउंडेशन ट्रस्ट की गाजियाबाद शाखा के सचिव प्रवीण खरबंदा जी ने बताया कि गुरु जी द्वारा  दिया जाने वाला ज्ञान दुनिया के गिने-चुने लोगों के पास है गुरुजी का ध्येय  प्रत्येक व्यक्ति तक इस ज्ञान को पहुंचाना है।
 प्रज्ञा चैतन्य फाउंडेशन ट्रस्ट, जयपुर के सौजन्य से तपस्वी चैतन्य गुरू जी के सानिध्य में 10 सितंबर से 18 सितंबर तक 9 दिवसीय आवासीय शिविर  की जानकारी हेतु 9414072157 और 6375449422 पर संपर्क कर सकते हैं।

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