तालिबान ने महिलाओं को ईद के जश्न में शामिल होने से रोका

दुनियाभर में आज यानी कि शनिवार, 22 अप्रैल को ईद (Eid) मनाई जा रही है. मगर, इस पाक मौके पर भी तालिबानी हुकूमत (Taliban Rules) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में महिलाओं के खिलाफ प्रतिबंध की अपनी फितरत को जारी रखा. खबर है कि तालिबान ने वहां दो प्रांतों में महिलाओं को ईद समारोह में शामिल होने से रोक दिया है.

अफगानिस्‍तान की प्रमुख समाचार सेवा खामा प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के बगलान और तखार प्रांतों की महिलाओं को शुक्रवार को ईद-उल-फितर के दिनों में समूह में बाहर नहीं निकलने के निर्देश दिए गए. ये आदेश तालिबानी अधिकारियों ने शीर्ष नेतृत्व का हवाला देते हुए दिए. बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान के केवल इन दो प्रांतों को हुकूमत के सख्‍त निर्देशों का पालन करने को कहा गया है.

रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान अधिकारियों ने इस महीने की शुरुआत में अफगानिस्तान के हेरात क्षेत्र में, परिवारों और महिलाओं को बगीचों और बाहरी जगहों वाले प्रतिष्ठानों में भोजन करने से मना किया था. अधिकारियों ने कहा कि इन प्रतिबंधों का कारण लिंग मिलाना और हेडस्कार्फ़ (हिज़ाब) न पहनना था. दशकों से चले आ रहे संघर्ष का सामना कर रहा अफगानिस्तान इन दिनों भोजन की कमी सहित कई चुनौतियों से जूझ रहा है, और महिलाओं पर तालिबान के प्रतिबंधों के कारण विदेशी सरकारें भी बड़े पैमाने पर फंड में कटौती कर रही हैं.

महिलाओं पर लगातार लगाई जा रहीं पाबंदियां 

दुनियाभर में व्यापक निंदा होने के बावजूद, तालिबानी हुकूमत अपने महिला विरोधी फैसलों से पीछे नहीं हट रही. अफगान समाचार एजेंसी की ओर से बताया गया कि वहां छठी कक्षा के बाद लड़कियों की उच्च शिक्षा पर प्रतिबंध है, इसके अलावा वहां संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाली महिलाओं पर भी पाबंदियां लगाई गई हैं.

अगस्त 2021 में जमाया था काबुल पर कब्‍जा

अगस्त 2021 में तालिबान के दोबारा सत्ता में आने के बाद से, अफगानिस्तान में महिलाओं को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में, जिम में या सार्वजनिक स्थानों पर काम करने की अनुमति नहीं है.

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