अब अलग चार्जर की आवश्यकता नहीं होगी, भारत सरकार ने जारी किया आदेश

भारत सरकार ने उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने और इलेक्ट्रॉनिक कचरे को कम करने के प्रयास से मोबाइल चार्ज करते वक्त इस्तेमाल होने वाले चार्जर में बड़ा बदलाव किया है। सभी तरह के फोन और स्मार्टफोन के लिए एक ही तरह के यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट को इस्तेमाल करने को कहा है।

क्या कहा गया है आदेश में?

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट के लिए मानक जारी किए हैं, जिनका उपयोग मोबाइल फोन, स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए किया जाएगा। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने दावा किया कि स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप के चार्जिंग पोर्ट के रूप में यूएसबी टाइप-सी को अपनाने को लेकर लगभग कंपनियां सहमत हो गई हैं। सरकार इसे दिसंबर 2024 से लागू करेगी।

यूरोपीय संसद (European Parliament) ने एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें कहा गया है कि 2024 के अंत तक आईफोन और एयरपोड्स सहित सभी उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स अपने मानक चार्जिग पोर्ट के रूप में यूएसबी टाइप-सी का उपयोग करेंगे। 2026 से यह नियम लैपटॉप के लिए भी लाया जा सकता है।

नए नियमों के तहत उपभोक्ताओं को अब हर बार नया उपकरण खरीदने पर अलग चार्जर की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि वे छोटे और मिड साइज के पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की पूरी कैटेगरी के लिए एक ही चार्जर का उपयोग करने में सक्षम होंगे।

उनके निर्माता के बावजूद, सभी नए मोबाइल फोन, टैबलेट, डिजिटल कैमरा, हेडफोन और हेडसेट, हैंडहेल्ड वीडियो-गेम कंसोल और लैपटॉप जो एक वायर्ड केबल के माध्यम से रिचार्जेबल होते है, जो 100 वाट तक की पावर डिलीवरी के साथ काम करते हैं, उन्हें यूएसबी टाइप-सी पोर्ट के साथ सुसज्जित करना होगा।

फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करने वाले सभी डिवाइस में अब चार्जिंग स्पीड समान होगी, जिससे यूजर्स अपने डिवाइस को किसी भी संगत चार्जर से समान स्पीड से चार्ज कर सकेंगे।

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