Maruti के पूर्व MD जगदीश खट्टर के खिलाफ दर्ज हुआ मामला, 110 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले में CBI ने बनाया आरोपी

नई दिल्‍ली। मारुति उद्योग के पूर्व प्रबंध निदेशक जगदीश खट्टर के खिलाफ केंद्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो (सीबीआई) ने एक मामला दर्ज किया है। सीबीआई का आरोप है कि खट्टर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुए 110 करोड़ रुपए के घोटाले में सहभागी हैं। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में खट्टर को इस बैंक घोटाले का आरोपी बनाया है।

हाल ही में दर्ज की गई एफआईआर में सीबीआई ने जगदीश खट्टर और उनकी कंपनी कारनेशन ऑटो इंडिया लिमिटेड को आरोपी बनाया है। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में कहा है कि खट्टर और उनकी कंपनी ने धोखाधड़ी कर पंजाब  नेशनल बैंक को 110 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया है।

जगदीश खट्टर 1993 से 2007 तक मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रहे थे। वह 2007 में सेवानिवृत्‍त हुए थे। सेवानिवृत्‍त होने के बाद उन्‍होंने कारनेशन को लॉन्‍च किया था, जिसके लिए उन्‍होंने 2009 में पीएनबी से 170 करोड़ रुपए का लोन लिया था।

2015 में इस लोन को एनपीए घोषि‍त किया गया। एफआईआर में कहा गया है कि इस लोन को 2012 से ही एनपीए माना गया है। सीबीआई ने पीएनबी की शिकायत पर आईपीसी की धाराओं के तहत आपराधिक षडयंत्र और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

सीबीआई ने सोमवार शाम को 77 वर्षीय खट्टर और उनकी कंपनी कारनेशन ऑटो के परिसरों पर छापेमारी की थी। सीबीआई का आरोप है कि खट्टर और उनकी कंपनी ने धोखाधड़ी से बैंक के पास बंधक रखे सामान को बेच दिया। इसके लिए बैंक की अनुमति नहीं ली गई। बैंक की ओर से किए गए फॉरेंसिक ऑडिट से पता चलता है कि 66.92 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियां बिना उसकी मंजूरी के 4.55 करोड़ रुपए में बेची गईं।

इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि खट्टर ने बिक्री से प्राप्त इस राशि को बैंक के पास जमा नहीं कराया और बेईमानी और धोखाधड़ी से इसे अनुषंगियों और अन्य संबद्ध इकाइयों को स्थानांतरित कर दिया। प्राथमिकी में कहा गया है कि इस मामले में बैंक अधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। बैंक के अधिकारियों ने कथित रूप से स्टॉक का मासिक सत्यापन नहीं किया। बैंक ने अपनी शिकायत में पांच आरोपियों का उल्लेख किया है। इसमें खट्टर ऑटो इंडिया प्राइवेट लि., कारनेशन रियल्टी प्राइवेट लि. और कारनेशन इंश्योरेंस ब्रोंकिंग कंपनी प्राइवेट लि. का नाम भी शामिल है।

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