भारत चीन तनाव के बीच केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, जारी की गई नई गाइडलाइन

चीन और भारत की सेना के तनाव के बीच  केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला ले लिया है. यह फैसला चीनी साइबर हमलों को लेकर लिया गया है. केंद्र ने सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों और पीएसयू में अपने कर्मचारियों को एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल यानी एसओपी (SOP) का पालन करने के लिए कहा है, जिसमें बेसिक आईटी हाइजीन जैसे कंप्यूटर बंद करना, ईमेल से साइन आउट करना और पासवर्ड अपडेट करना शामिल है. इन प्रोटोकॉल की अनदेखी के लिए कर्मचारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.

टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, आधिकारिक सूत्रों ने खुलासा किया कि एम्स साइबर हमले का मुख्य कारण यही था कि एक एक कर्मचारी इन बेसिक हाइजीन का पालन नहीं किया था. एक सूत्र ने टीओआई को बताया कि कर्मचारी अक्सर अपने कंप्यूटर को लॉग ऑफ करने या अपने ईमेल से साइन आउट करना भूल जाते हैं या फिर नहीं करते हैं, और हमें संदेह है कि ऐसा एम्स में भी हो सकता है. टीओआई के अनुसार सूत्रों ने बताया कि हम सिस्टम को फिर से शुरू कर सकते थे और कोई दूसरा सिस्टम प्रभावित नहीं हुआ.

चीनी हैकर्स का था हाथ

हाल ही में, इतने बड़े साइबर हमलों में उछाल आया है. हालांकि भारतीय अधिकारी पॉवर ग्रिड और बैंकिंग सिस्टम पर हमलों को रोकने में सक्षम थे, हैकर्स एम्स सिस्टम की साइबर सुरक्षा में सेंध लगाने में सक्षम थे. टीओआई ने सूत्रों के हवाले से कहा कि इनमें से ज्यादातर हमलों के पीछे चीनी हैकर्स का हाथ हो सकता है, जो अक्सर भारतीय यूजर्स के कंप्यूटर्स का यूज करके “स्लीपर सेल” के रूप में काम करते हैं.

सख्ती से लागू होगी एसओपी

इस तरह के हमलों के बार—बार होने से कई तरह​ के सवाल खड़े हो गए हैं. सरकार के पास एक एसओपी है, लेकिन जब लोग उनका पालन नहीं करते हैं या उनके प्रति उदासीन रवैया दिखाते हैं तो चीजें अक्सर नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं. इसलिए, सरकार ने उन्हें अब और सख्ती से लागू करने का फैसला किया है और दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. कथित तौर पर, एक प्रमुख कर्मचारी विफलता की स्थिति में अन्य प्रोसिजर का यूज किया जा सकता है. सूत्रों ने कहा कि गृह मंत्रालय, कंयूनिकेशन और आईटी मंत्रालयों और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के साथ, उभरती स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे थे और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे थे कि कमजोरियों की जांच की जाए.

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