24 जून से एयरफोर्स, 25 से नेवी और एक जुलाई से आर्मी में अग्निवीरों की भर्ती शुरू होगी

अग्निपथ योजना को लेकर देश की तीनों सेनाओं के प्रमुख ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की है। इस प्रेस कांफ्रेंस में थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और जलसेना के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार मौजूद रहे। आपको बता दें कि आज सुबह ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर तीनों सेनाओं के प्रमुखों की एक बैठक हुई थी।

प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए सेना के एडिशनल सेक्रटरी ले. जनरल अनिल पुरी ने कहा कि यह सुधार लंबे समय से लंबित था। हम इस सुधार के साथ युवा शक्ति और अनुभव को  लाना चाहते हैं। आज बड़ी संख्या में जवान अपने 30 के उम्र में हैं और अधिकारियों को पहले की तुलना में बहुत बाद में कमान मिल रही है। उन्होंने कहा कि अभी हर साल लगभग 17,600 सैनिक तीनों सेनाओं में समय से पहले रिटायर्मेंट ले रहे हैं। कभी किसी ने उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि रिटायरमेंट के बाद वे क्या करेंगे? अग्निपथ योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि अग्निवीरों को सियाचिन जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेना के सैनिकों को मिल रहा है। अग्निवीरों के साथ सेवा शर्तों में कोई भेदभाव नहीं किया जायेगा। इस योजना के तहत अगले 4-5 वर्षों में 50,000-60,000 सैनिकों की भर्ती करेंगे। हालांकि बाद में यह संख्या बढ़ाकर 90,000-1 लाख हो जाएगी। हमने योजना का विश्लेषण करने के लिए 46,000 की संख्या से छोटी शुरुआत की है। भविष्य में हम यह संख्या 1.5 लाख तक लेकर जाएंगे।उन्होंने बताया कि विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा ‘अग्निपथ’ के अग्निवीरों के लिए आरक्षण के संबंध में घोषणाएं पहले से तय थीं। यह घोषणाएं और अग्निपथ स्कीम की घोषणा के बाद हुई हिंसा की वजह से नहीं की गईं थीं।

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