रेल, सड़क और बिजली क्षेत्र की संपत्तियों को बेचेगी सरकार, सीतारमण ने की 6 लाख करोड़ रुपये की NMP की घोषणा

नई दिल्‍ली। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (NMP) की घोषणा की। इसके तहत रेल, सड़क और बिजली क्षेत्र की बुनियादी ढांचा संपत्तियों का मौद्रिकरण किया जाएगा। सीतारमण ने कहा कि संपत्ति मौद्रिकरण से संसाधनों का दोहन हो सकेगा और बेहतर मूल्य प्राप्त किया जा सकेगा।

सीतारमण ने कहा कि चार वर्ष की अवधि (2021-22 से 2024-25) के दौरान राष्‍ट्रीय मौद्रिकरण योजना के तहत केंद्र सरकार की प्रमुख संपत्तियों से 6 लाख करोड़ रुपये की धनराशि जुटाने का अनुमान है। उन्‍होंने कहा कि सपंत्ति का मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा।

इस दौरान वित्त मंत्री ने साफ किया कि सरकार केवल अंडर-यूटिलाइज्ड एसेट्स को ही बेचेगी। इसका हक सरकार के पास ही रहेगा और प्राइवेट सेक्टर के पार्टनर्स को तय समय के बाद अनिवार्य रूप से इसे वापस करना होगा। वित्त मंत्रालाय ने कहा कि नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के मुताबिक वित्त वर्ष 2022 से 2025 तक 6 लाख करोड़ रुपये के एसेट्स बेचे जा सकते हैं। इसमें सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग, रेलवे, बिजली, पाइपलाइन एवं नेचुरल गैस, सिविल एविएशन, शिपिंग पोर्ट्स एंड वॉटरवेज, टेलिकम्युनिकेशंस, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, माइनिंग, कोल और हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मंत्रालयों को शामिल किया गया है।

सीतारमण ने कहा कि ब्राउनफील्‍ड एसेट्स का मोनेटाइजेशन निजी भागीदारी को लाकर किया जाएगा। इस प्रक्रिया से हासिल की जाने वाली राशि का इस्‍तेमाल इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में किया जाएगा। एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि इससे निवेशकों को एक तरह की विजिबिलिटी तो मिलेगी ही, साथ ही इस पाइपलाइन से एसेट्स की बिक्री को लेकर सरकार का एक मध्यम अवधि का रोडमैप बनकर तैयार हो जाएगा।

बयान में कहा गया है कि NMP चार साल की एक पाइपलाइन है। इसमें केंद्र सरकार के ब्राउनफील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर एसेट्स (brownfield infrastructure assets) को शामिल किया जाएगा। यूनियन बजट 2021-22 में सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए एसेट मोनेटाइजेशन पर काफी जोर देने की घोषणा की थी और कई अहम घोषणाओं को शामिल किया है।

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