नूपुर शर्मा के बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने दिखाया बेहद सख्त रुख

भारतीय जनता पार्टी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने बेहद सख्त रुख दिखाया है। सुप्रीम कोर्ट ने बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि नूपुर शर्मा के बयान भड़काने वाले थे। नूपुर शर्मा को टीवी पर माफी मांगनी चाहिए थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नूपुर ने डिस्टर्ब करने वाला बयान दिया है। कोर्ट ने कहा कि नूपुर को कैमरे पर माफी मांगनी चाहिए थी। अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी पार्टी के प्रवक्ता होने से उसे कुछ भी कहने का लाइसेंस नहीं मिल जाता है।

नूपुर शर्मा केस में SC ने क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट निलंबित बीजेपी नेता नूपुर शर्मा की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें नूपुर के खिलाफ एफआईआर ट्रांसफर करने की मांग की गई थी। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि नूपुर शर्मा की टिप्पणी “डिस्टर्ब करने वाली” है। ऐसी टिप्पणियों करने की उन्हें क्या जरूरत है? जब नूपुर के वकील ने कहा कि उन्होंने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी और बयान को वापस ले लिया है। इसपर अदालत ने कहा कि उन्हें टीवी पर जाना चाहिए था और देश से माफ़ी मांगनी चाहिए थी।

सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि नुपुर शर्मा ने बयान वापस लेने में बहुत देर की और ये भी उन्होंने सशर्त रूप से किया कि अगर भावनाएं आहत होती हैं तो बयान वापस लेती हूं। कोर्ट ने कहा कि ये बिल्कुल भी धार्मिक लोग नहीं हैं, ये भड़काने के लिए बयान देते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की याचिका को लेकर कहा, “इस याचिका से उनके अहंकार की बू आती है कि देश के मजिस्ट्रेट उनके लिए बहुत छोटे हैं।”

सुप्रीम कोर्ट ने टीवी डिबेट पर की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सिवाय एजेंडे को बढ़ावा देने के, उस मामले पर टीवी चैनल पर चर्चा करने का क्या मतलब है जो कोर्ट में विचाराधीन है? सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की टिप्पणी पर कहा, “अगर आप किसी पार्टी के प्रवक्ता हैं तो यह इस तरह की बातें करने का लाइसेंस नहीं है।” शीर्ष अदालत ने कहा, “अगर टीवी डिबेट का दुरुपयोग हुआ था तो नूपुर को सबसे पहले एंकर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए थी”

“देश में जो हो रहा उसके लिए नूपुर अकेले जिम्मेदार”

याचिका पर सुनवाई के दौरान नूपुर शर्मा के सीनियर एडवाइजर मनिंदर सिंह ने कहा, “उन्हें दूसरे डिबेटर की ओर से उकसाया गया था।” इसपर जस्टिस कांत ने कहा, “जिस तरह से नूपुर ने पूरे देश में भावनाओं को भड़काया है, देश में जो हो रहा है उसके लिए यह महिला अकेले जिम्मेदार है।” SC ने नूपुर शर्मा पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्होंने और उनकी बड़बोली जुबान ने पूरे देश में आग लगा दी है। उनका यह गुस्सा उदयपुर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार है।

सुप्रीम कोर्ट का याचिका पर सुनवाई से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। याचिका में मांग की गई थी कि देशभर में दर्ज उनसे जुड़े सभी मामले दिल्ली ट्रांसफर कर दिए जाएं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की सुनवाई से इनकार कर दिया। इसके बाद नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ली। नूपुर शर्मा के वकील अब इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाएंगे। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा पर बेहद सख्त रुख दिखाया है। कोर्ट ने कहा है कि जब आप किसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हैं, तो उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया जाता है, लेकिन कोई भी आपको (नूपुर को) छूने की हिम्मत नहीं करता है जो आपका दबदबा दिखाता है।

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