नीति निर्माण में जनगणना की महत्वपूर्ण भूमिका, अगली बार होगी ई-जनगणना-अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज असम दौरे पर हैं। इसी दौरान उन्होंने बड़ी घोषणा कर दी है। अमित शाह ने ऐलान करते हुए कहा कि अगली बार ई-जनगणना होगी। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि यह 100 फ़ीसदी सही होगा। दरअसल, अमित शाह ने अपने बयान में कहा कि अगली ई-जनगणना अगले 25 वर्षों की नीतियों को आकार देगी। सॉफ्टवेयर लॉन्च होने पर मैं और मेरा परिवार सबसे पहले ऑनलाइन सभी विवरण भरेंगे। आपको बता दें कि समय-समय पर जनगणना को लेकर सवाल उठते रहे हैं। फिलहाल जनगणना घर-घर जाकर होती है। सरकारी अधिकारी घर-घर पहुंचते हैं और लोगों से आंकड़े इकट्ठा करते हैं।इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नीति निर्माण में जनगणना की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। केवल जनगणना ही बता सकती है कि विकास, एससी और एसटी की स्थिति क्या है और पहाड़ों, शहरों और गांवों में लोगों की जीवनशैली कैसी है। उन्होंने कहा कि जन्म और मृत्यु रजिस्टर को जनगणना से जोड़ा जाएगा। 2024 तक हर जन्म और मृत्यु का पंजीकरण होगा यानी हमारी जनगणना अपने आप अपडेट हो जाएगी। इसी दौरान अमित शाह ने कहा कि असम में जब से भाजपा की सरकार बनी है तब से नॉर्थ ईस्ट और आस-पास के सभी देशों के बीमार नागरिकों के लिए असम हेल्थ केयर का प्रमुख सेंटर बने इसके लिए यहां के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री असम को विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं और इस दिशा में अनेक कदम उठाए गए हैं।अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम के बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है और केंद्र तथा राज्य सरकार दोनों बोडो समझौते के 90 प्रतिशत प्रावधानों को पूरा कर रहे हैं। शाह ने कहा कि सात वर्ष पहले भाजपा ने असम की सीमाओं से उग्रवाद समाप्त करने का वादा किया था और गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में अधिकतर उग्रवादी संगठनों से शांति समझौता किया है। उन्होंने कहा कि अब तक 9,000 उग्रवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। केंद्र सरकार ने जनवरी 2020 में बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये थे।

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