देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली कैंट में होगा अंतिम संस्कार, आखिरी दर्शन कर सकेंगे आम लोग

नयी दिल्ली। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत यह वह शख्स थे जिसकी हिम्मत के दम पर भारत ने दुश्मनों को उसकी जगह दिखायी। सही दिशा के साथ देश की सुरक्षा कैसे की जाती है जनरल रावत का हर कदम उसका उदाहरण है। एक हेलीकॉप्टर दु्र्घटना में देश ने अपना पहला सीडीएस खो दिया। भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत आप अपने आखिरी सफर पर निकलेंगे। दिल्ली कैंट में उन्हें अंतिम सलामी देकर उनके शरीर को हमेशा के लिए विदा किया जाएगा। दिल्ली कैंट में उनके शव को कुछ समय के लिए आम लोगों द्वारा श्रद्धांजलि देने के लिए भी रखा जाएगा। यह वो पल होता जिसे आप फिर कभी भी अपनी जिंदगी में दोहरा नहीं पाएंगे। इन स्मृतियों को अपने जहन में उतार के हम गर्व के साथ अपनी आने वाली पीढ़ी को बता सकेंगे कि हमने देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत को देखा था। उनके शौर्य की गाथाओं के हम प्रत्यक्ष प्रमाण रहे हैं। सीडीएस जनरल बिपिन रावत के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया 10 दिसंबर सुबह 11 बजे से शुरू की जाएगी। हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हुए जनरल बिपिन रावत सहित 13 अन्य को भी देश श्रद्धांजलि देगा और दिल्ली कैंट में ही सभी का अंतिम संस्कार किया जाएगा। सुबह 11 बजे जनरल रावत और उनकी पत्नी का पार्थिव शरीर उनके दिल्ली के आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर और 10 अन्य रक्षा कर्मियों को बृहस्पतिवार को यहां पालम हवाई अड्डे पर श्रद्धांजलि अर्पित की। तमिलनाडु में बुधवार को हुई एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु होने के बाद जनरल रावत,उनकी पत्नी और 10 अन्य रक्षा कर्मियों के पार्थिव शरीर एक सैन्य विमान से दिल्ली लाये गए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, थल सेना प्रमुख एम एम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, एयर चीफ मार्शल ए वी आर चौधरी, रक्षा सचिव अजय कुमार उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने यहां दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के अन्य कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। भारत उनके बहुमूल्य योगदान को कभी नहीं भूलेगा।’’ पालम हवाई अड्डे पर हृदय विदारक दृश्य दिखे। एक हैंगर में 13 ताबूत रखे गए थे और इस दौरान परिवार के सदस्य भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी इस मौके पर दिवंगतों के परिजनों के पास गए और उनसे कुछ मिनट तक बात की। तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद पूरा देश में शोक में डूब गया। पार्थिव शरीरों को भारतीय वायुसेना के सी-130 जे विमान से सुलूर एयरबेस से दिल्ली लाया गया।

यह विमान शाम करीब 7:35 बजे पालम तकनीकी हवाई अड्डे पर उतरा। सैन्य अधिकारियों ने कहा कि अभी तक केवल जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर के पार्थिव शरीरों की पहचान की जा सकी है। उन्होंने कहा कि केवल पहचान किये गए पार्थिव शरीर ही बुधवार को दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को सौंपे जाएंगे। बाकी पार्थिव शरीरों को सेना के बेस हास्पिटल की मोर्चरी में रखा जाएगा। जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीरों को शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक आम लोगों के अंतिम दर्शन के लिए उनके 3 कामराज मार्ग स्थित आवास पर रखा जाएगा। दोपहर 12:30 बजे से अपराह्न1:30 बजे के बीच का समय सैन्य कर्मियों के लिए बिपिन रावत और उनकी पत्नी को श्रद्धांजलि देने के लिए होगा।

जनरल रावत की अंतिम यात्रा उनके आवास से बरार स्क्वायर श्मशान घाट तक अपराह्न करीब 2 बजे शुरू होगी। अंतिम संस्कार शाम 4 बजे निर्धारित है। ब्रिगेडियर लिद्दर का अंतिम संस्कार सुबह नौ बजे किया जाएगा। श्रद्धांजलि कार्यक्रम के बाद पार्थिव शरीरों को धौलाकुआं स्थित सेना के अस्पताल ले जाया गया। जनरल रावत, उनकी पत्नी और ब्रिगेडियर लिद्दर के अलावा, एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सशस्त्र बल के 10 जवानों की मृत्यु हो गई थी। दुर्घटना में मारे गए अन्य कर्मियों में लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर पी एस चौहान, स्क्वाड्रन लीडर के सिंह, जेडब्ल्यूओ दास, जेडब्ल्यूओ प्रदीप ए, हवलदार सतपाल, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार और लांस नायक साई तेजा शामिल हैं। इस दुर्घटना में एकमात्र जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बेंगलुरु के एक सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है।

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