गोडसे पर प्रज्ञा का पश्चाताप, रखा 63 घंटे का मौन व्रत

भोपाल। भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने सोमवार सुबह से 21 पहर (63 घंटे) का मौन व्रत धारण किया है। इससे पहले लोकसभा चुनाव में साध्वी प्रज्ञा के कुड बयानों से राजनीतिक विवाद खड़ा हुआ और बाद में उन्होंने माफी भी मांगी। साध्वी की एक सहयोगी ने पीटीआई ‘भाषा’ को बताया, ‘‘साध्वी जी ने आज सुबह से 21 प्रहर का मौन व्रत धारण किया है।’’साध्वी प्रज्ञा ने ट्वीट पर जानकारी दी, ‘‘ प्रक्रियाओं के उपरान्त अब समय है चिंतन मनन का, इस दौरान मेरे शब्दों से समस्त देशभक्तों को यदि ठेस पहुंची है तो मैं क्षमा प्रार्थी हूँ और सार्वजनिक जीवन की मर्यादा के अंतर्गत प्रयश्चित हेतु 21 प्रहर के मौन के साथ कठोर तपस्या कर रही हूं। हरिः ॐ।’’लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मालेगांव बम विस्फोट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ने अपने बयानों से राजनीतिक महौल में गर्मी ला दी थी। उनका एक बयान था कि उन्होंने मुम्बई एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे को श्राप दिया था और इसके एक माह बाद आतंकवादियों की गोलियों से उनकी मौत हो गयी। साध्वी प्रज्ञा ने यह भी बयान दिया कि अध्योध्या में राम मंदिर निर्माण आंदोलन के दौरान बाबरी ढांचा ढहाने में शामिल होने पर उन्हें गर्व है। साध्वी प्रज्ञा की इन बयानों की सभी ने आलोचना की यहां तक कि उनके दल भाजपा ने भी स्वयं को उनके बयानों से अलग कर लिया।चुनाव आयोग ने साध्वी के शहीद करकरे पर दिये गये बयान पर कार्रवाई करते हुए उनके चुनाव प्रचार पर 72 घंटे के लिये प्रतिबंध लगा दिया। हाल ही में साध्वी प्रज्ञा फिर खबरों में तब आयीं जब उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया। उनके इस बयान की भी सभी ने निंदा की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां तक कहा कि साध्वी ने हालांकि इस पर माफी मांग ली है लेकिन वह उन्हें मन से माफ नहीं कर पायेगें।

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