कांग्रेस का काले कपड़ों में प्रदर्शन कहीं राम जन्मभूमि का विरोध तो नहीं?-अमित शाह

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी ने इसके जरिए गुप्त तरीके से तुष्टिकरण की नीति को आगे बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि जिम्मेदार पार्टी होने के नाते उन्हें सहयोग करना चाहिए, ना कि इस तरह से कानून-व्यवस्था के लिए परेशानी खड़ी करनी चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस के प्रदर्शन के दिन को लेकर भी सवाल खड़े किये. उन्होंने कहा, ‘आज तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने किसी को नहीं बुलाया, फिर पता नहीं कांग्रेस ने अचानक क्यों विरोध कार्यक्रम किया.’ ईडी की हालिया कार्रवाई पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी को कानून-व्यवस्था का सम्मान करना चाहिए. गृह मंत्री ने कहा कि दरअसल कांग्रेस अपने आज के विरोध-प्रदर्शन के जरिए यह संदेश देना चाहते हैं कि वे राम जन्मभूमि का विरोध करते हैं क्योंकि आज ही के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम जन्मभूमि का शिलान्यास किया था. उन्होंने कहा, ‘आज ही के दिन प्रधानमंत्री मोदी ने राम जन्मभूमि का शिलान्यास किया था. उस दौरान कहीं पर भी देश में दंगा नहीं हुआ था. ‘कांग्रेस ने शायद इसीलिए काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन करने के लिए आज के दिन को चुना और ये संदेश दिया कि वे रामजन्मभूमि का विरोध करते हैं.’

कांग्रेस ने महंगाई, बेरोजगारी और कई खाद्य वस्तुओं को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के दायरे में लाए जाने के खिलाफ शुक्रवार को प्रदर्शन किया, जिसके बाद पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कई नेताओं और 60 से अधिक सांसदों को हिरासत में ले लिया गया. हालांकि, सभी बाद में रिहा कर दिये गए. पार्टी के प्रदर्शन में शामिल हुए नेताओं ने काले रंग के कपड़े पहन रखे थे.

राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस सांसदों ने संसद भवन से राष्ट्रपति भवन के लिए मार्च निकाला. हालांकि, पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया और हिरासत में ले लिया. कांग्रेस ने महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की थी. इसके तहत कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों एवं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की प्रधानमंत्री आवास का ‘घेराव करने’ की योजना थी. पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता इसी के लिए कांग्रेस मुख्यालय में जमा हुए थे.

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