उत्तराखंड में कांग्रेस के हाथ रह गए खाली

नई दिल्लीः भाजपा ने उत्तराखंड में 2014 आम चुनावों के अपने शानदार प्रदर्शन को दोहराते हुए जीत की कड़ी को बरकरार रखा है. भाजपा ने प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन करते हुए सभी पांचो सीटों पर जीत का परचम लहराया है. बीजेपी के सभी उम्मीदवारों ने पांचों सीटों पर इस बार और अधिक मतों के अंतर से अपने प्रतिद्वंद्वियों को मात दे दी है. भाजपा प्रदेश की सभी सीटों पर लगातार कब्जा कायम रखने वाली इकलौती पार्टी बन गई है. वहीं कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. पार्टी अलाकमानों को उम्मीद थी कि प्रदेश में जनता की नाराजगी भाजपा को इस बार 0 पर समेट कर रख देगी, लेकिन हुआ इसके बिल्कुल विपरीत और उल्टा कांग्रेस को ही एक बार फिर उत्तराखंड की सभी पांच सीटों पर बुरी हार का सामना करना पड़ा.

उत्तराखंड में कांग्रेस की हार के कारण
मोदी फेक्टर- राजनीतिक पंडितों की मानें तो उत्तराखंड में कांग्रेस की करारी हार का सबसे बड़ा कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे. देश भर में चली मोदी सुनामी प्रदेश पर इस कदर हावी हो गई, कि कांग्रेस के सभी तुरुप के इक्के इसके सामने ध्वस्त हो गए.

संगठनात्मक कमजोरी
कांग्रेस पिछले पांच सालों से कांग्रेस विपक्ष में थी, ऐसे में कांग्रेस के पास अपनी संगठनात्कम कमजोरी को दूर करने का पूरा समय था, लेकिन बावजूद इसके कांग्रेस नेताओं के बीच के आपसी मतभेदों को दूर करने और उनके बीच सामंजस्य स्थापित करने में बुरी तरह फेल रही. वहीं उत्तराखंड में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की संख्या भी अन्य राज्यों की तुलना में बेहद कम है, जिसके चलते कांग्रेस जनता तक पहुंचने में नाकामयाब रही और कांग्रेस की हार का कारण बनी.

पार्टी नेता
पार्टी नेताओं में कई बार भीतरी गुटबाजी की खबरें सामने भी आ चुकी हैं और देखी भी जा चुकी हैं. जिसके चलते चुनाव में यह गुटबाजी भी कांग्रेस की हार का एक बड़ा कारण बनी. वहीं विपक्ष में रहते हुए भी पार्टी के बड़े नेता अपने-अपने क्षेत्र में एक्टिव नहीं रहे, जिसके चलते जनता ने इन नेताओं को सिरे से नकार दिया और बीजेपी को चुन लिया.

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