कर्नाटक सीएम को लेकर कांग्रेस में क्‍यों नहीं बन रही बात

New Delhi: कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस बरकरार है. कांग्रेस (Congress) में लगातार मंत्रणा चल रही है, लेकिन अभी तक सीएम के नाम पर सहमति नहीं बन पाई है. बुधवार (17 मई) को भी सुबह से ही बैठकों का जोर जारी रहा. पहले सिद्धारमैया (Siddaramaiah) का नाम फाइनल होने की चर्चाएं तेज थीं, लेकिन अब सूत्रों का कहना है कि डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) तैयार नहीं हो रहे हैं. पार्टी ने उन्हें मनाने के लिए ऑफर भी दिया है, लेकिन शिवकुमार राजी नहीं हैं.

कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने बुधवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से करीब एक घंटे तक चर्चा की. सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व ने डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम के पद के साथ-साथ 6 बड़े मंत्रालय ऑफर किए हैं. लेकिन डीके शिवकुमार इस पर तैयार नहीं हैं।

सीएम नाम पर संस्‍पेंस बरकरार

कांग्रेस को चुनाव में जीत तो मिली, लेकिन फिर एक और बड़ी चुनौती सामने आ गई. पूर्ण बहुमत हासिल करने वाली कांग्रेस, नतीजे आने के 72 घंटों बाद भी मुख्यमंत्री पद के लिए किसी एक के नाम पर मुहर नहीं लगा सकी.

मामला उलझा अनुभव और समर्थन, और नए चेहरे और मेहनत के बीच, यानी सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच.

जहां सिद्धारमैया पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं और अनुभवी नेता हैं, वहीं शिवकुमार का कहना है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की है, इसलिए उन्हें सीएम बनाया जाना चाहिए.

शिवकुमार का कहना है कि सिद्धारमैया पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं, इसलिए इस बार ये ज़िम्मेदारी नए चेहरे को दी जानी चाहिए. वहीं सिद्धरमैया का कहना है कि अधिकतर विधायक उनके साथ हैं, इसलिए सीएम पद उन्हें दिया जाना चाहिए.

हालांकि ये पहली बार नहीं था जब कांग्रेस मुख्यमंत्री के नाम पर फंसी है. राजस्थान विधानसभा चुनाव के बाद अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच का मतभेद भी खुल कर सामने आ गया था और वहां भी सरकार के ऊपर संकट के बादल मंडरा रहे थे.

वहीं मध्य प्रदेश में भी इसी तरह की स्थिति बनी थी. बाद में मार्च 2020 में मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ दर्जनों विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया और वहां कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार गिर गई.

कर्नाटक के मामले में कांग्रेस चाहती है कि आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र वो दोनों नेताओं में से किसी को भी नाराज़ न करे. लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा क्योंकि दोनों ही नेता पीछे हटने को तैयार नहीं दिखते.

मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाने के लिए कांग्रेस में बीते तीन दिनों से बैठकों का दौर जारी है और उम्मीद है कि बुधवार को इसका फ़ैसला सामने आ जाएगा.

लेकिन इससे पहले कांग्रेस में जो असमंजस की स्थिति है, उसे उसकी ताबड़तोड़ हो रही बैठकों और बयानों से समझा जा सकता है.

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