Vedanta समूह के अनिल अग्रवाल ने कहा, व्यवसाय करना सरकार का काम नहीं
मुंबई। वेदांता रिर्सोसेज के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने सोमवार को कहा कि सरकार का व्यवसाय करना नहीं है। इसी संदर्भ में उन्होंने कहा कि अगर सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और बैंकों में अपनी हिस्सेदारी कम कर 50 प्रतिशत पर ला दे तो वे और अच्छे तरीके से चलेंगे। फिलहाल 14-15 बैंक और 40-45 कंपनियां हैं जिनमें सरकार की हिस्सेदारी काफी ऊंची है। अग्रवाल ने भारत आर्थिक सम्मेलन 2019 में एक परिचर्चा के दौरान कहा कि सरकार का व्यवसाय यह नहीं है कि वह व्यवसाय करे।
अग्रवाल ने कहा कि जब हम सरकार से हिस्सेदारी बिक्री की बात करते हैं, वे कहते हैं कि हम संपत्ति को देखेंगे। लेकिन मेरा मानना है कि सरकार को राजस्व को ध्यान में रखकर नहीं सोचना चाहिए और…धन सृजित होने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के पास कोयला और हीरा के साथ सबसे बड़े और उम्दा तेल एवं गैस तथा कोयला भंडार हैं। वहीं दूसरी तरफ देश संसाधनों के आयात के लिये करीब 500 अरब डॉलर खर्च कर रहा हैं जो बढ़कर आने वाले समय में 1,000 अरब डॉलर हो जाएगा।
अग्रवाल ने कहा कि ऐसा नहीं है कि सरकारी कंपनी बेहतर काम नहीं कर सकती है लेकिन यह महत्वपूर्ण है के उन्हें मुक्त किया जाए। अत: तेल एवं गैस क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां या कोल इंडिया को किसी और को दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार के कानून भी कहते हैं कि अगर किसी कंपनी में सरकारी हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से नीचे आती है तो कैग से आडिट की जरूरत नहीं होगी और सीईओ स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं। ऐसे कदम का शेयर बाजार भी स्वागत करता है। अगर हम प्राकृतिक प्राकृतिक संसाधनों से जुड़ी कंपनियों और बैंकों को मुक्त करें तो भारत पर उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अग्रवाल ने कंपनियों के कामकाज में नौकरशाहों का हस्तक्षेप बना हुआ हैं और इसमें कमी लायी जानी चाहिए।