दिल्ली-NCR में प्रदूषण की स्थिति गंभीर, GRAP-4 नियम लागू, इन कामों पर रहेगी पाबंदी

Delhi news:दिल्ली-NCR में प्रदूषण की स्थिति गंभीर, GRAP-4 नियम लागू, इन कामों पर रहेगी पाबंदी

New Delhi: देश की राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. दिल्ली एनसीआर में धुंध फैल है. इस धुंध में लोगों के गले में खराश, आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कतें हो रही हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली में रविवार को वायु गुणवत्ता (AQI) ‘गंभीर’ श्रेणी में है. साथ ही यहां GRAP- 4 को भी लागू कर दिया गया है. पर्यावरण मंत्री का कार्यालय का कहना है कि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए और GRAP-4 को सख्ती से लागू करने के लिए सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक बुलाई है.

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए चरण I, II और III के तहत सभी कार्रवाइयों के अलावा, तत्काल प्रभाव से पूरे NRC में GRAP के चरण IV को लागू करने का निर्णय लिया है. GRAP के चरण-IV के अनुसार 8-पॉइंट एक्शन प्लान रविवार से पूरे NCR में तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है.

इस 8-पॉइंट एक्शन प्लान के अंतर्गत- दिल्ली में ट्रक यातायात का प्रवेश बंद करना (आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले/आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले ट्रकों और सभी LNG/CNG/ इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर) दिल्ली में चलने पर प्रतिबंध-आवश्यक वस्तुओं को ले जाने/आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वालों को छोड़कर, दिल्ली में पंजीकृत डीजल चालित मध्यम माल वाहन (MGVs) और भारी माल वाहन (HGVs) है.

GRAP चरण-4 में क्या रहेंगी पाबंदियां

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर GRAP चरण-4 को लागू कर दिया गया है. GRAP चरण-4 प्रतिबंधों के तहत NCR राज्य सरकार के अंतर्गत और GNCTD के अंतर्गत आने वाली कक्षा VI-IX, कक्षा XI को बंद करने और ऑनलाइन मोड में क्लास लेने पर निर्णय ले सकते हैं. NCR राज्य सरकार के अंतर्गत और GNCTD के अंतर्गत आने वाली, नगरपालिका और निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करने और बाकी को घर से काम करने की अनुमति देने पर निर्णय लेगी. राज्य सरकारें अतिरिक्त आपातकालीन उपायों पर विचार कर सकती हैं- जैसे कॉलेजों/शैक्षणिक संस्थानों को गैर-आपातकालीन बंद करना और गतिविधियों को बंद करना, पंजीकरण संख्या के आधार पर ऑड-इवेन आधार पर वाहनों को चलाने की अनुमति देना आदि हैं.

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