पप्‍पलप्रीत हुआ होशियारपुर से गिरफ्तार, कब आएगा अमृतपाल का नम्‍बर

खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के मामले में पंजाब पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। अमृतपाल के करीबी पपलप्रीत सिंह को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली की स्पेशल सेल की टीम ने पपलप्रीत सिंह को पंजाब और दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन के तहत गिरफ्तार किया है। इस लेख में हम आपको पपलप्रीत सिंह के बारे में बताने वाले हैं। पपलप्रीत की गिरफ्तारी अमृतपाल केस के लिहाज से तो बड़ी है ही। साथ ही उसका संबंध ISI से भी जुड़ चुका है। इस लिहाज से भी पपलप्रीत की गिरफ्तारी को अहम माना जा रहा है।

पपलप्रीत सिंह अमृतपाल का मेंटर है। वहीं यह अमृतपाल का मीडिया सलाहकार भी है। यह अमृतपाल के साथ हमेशा साए की तरह रहता है। अमृतपाल जब बाइक से यहां वहां भाग रहा था। इस दौरान पपलप्रीत हमेशा अमृतपाल के साथ दिखा है। वहीं कई सीसीटीवी फुटेज में भी दोनों साथ देखे गए हैं। इस लिहाज से ऐसा कह सकते हैं कि पपलप्रीत अमृतपाल का दाहिना हाथ है। पपलप्रीत खुद को वीडियो जर्नलिस्ट बताता है। पपलप्रीत ने 20 की उम्र के बाद खुद को एक्टिविस्ट के तौर पर  पेश किया। इसके बाद वह खालिस्तानी समर्थक बना और 1990 में जेल में बंद सिख कैदियों की रिहाई के लिए भी आंदोलन कर चुका है।

ISI से संबंध

पपलप्रीत पर Uapa समेत कई अन्य गंभीर मामले दर्ज है। साल 2015 में उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ संबंध होने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद साल 2016 में पपलप्रीत को फिर गिरफ्तार किया गया था। वहीं कहा जाता है कि अमृतपाल को भगाने में पपलप्रीत ने ही तैयारी की थी। अमृतपाल के चाचा चाहते थे कि अमृतपाल सरेंडर कर दे। लेकिन पपलप्रीत ने उसे भागने की सलाह दी थी।

देशद्रोह का मामला हो चुका है दर्ज

साल 2017 में पपलप्रीत सिंह सिमरनजीत सिंह मान की पार्टी शिरोमणी अकाली दल में शामिल हुआ था। लेकिन 9 महीने बाद ही उसने पार्टी छोड़ दी। इसके बाद जांच एजेंसियों को पता चला कि वह खालिस्तान समर्थित एक प्रोपेगेंडा वेबसाइट भी चलाता है। इसके बाद यह भी पता चला कि वह वारिस पंजाब दे संगठन के अस्तित्व में आने से पहले भी पंजाब में एक्टिव था। तत्कालीन शिरोमणि अकाली दल की सरकार ने साल 2015 में पपलप्रीत के खिलाफ देशद्रोह व ISI के साथ संबंध के मामले में देशद्रोह का केस दर्ज किया था।

News Source Link:

Related Articles

Back to top button