अपनों को ‘मुहाजिर’ कहने वाले पाकिस्तान के मुंह से ह्यूमन राइट्स की बातें अच्छी नहीं लगतीं: राजनाथ सिंह

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान द्वारा कश्मीर के मुद्दे को बार-बार उठाए जाने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान की निंदा करते हुए कहा कि पाकिस्तान में सिंधी समुदाय, सिक्ख समुदाय, बलूची समुदाय  और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के साथ क्या हो रहा है यह बात आज दुनिया से छिपी नही है। राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि जो पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र कॉन्फ्रेंस में मानवाधिकारों के वायलेशन की बात उठा रहा है वह स्वयं अपने देश के अंदर झांक कर देखे।राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में सभी मजहब के लोग शांति से एक दूसरे से मिल जुलकर रहे हैं, यह बात पाकिस्तान को रास नही आती। अल्पसंख्यक समुदाय भी यहां सुरक्षित महसूस करता है। अल्पसंख्यक समुदाय यहां हमेशा सुरक्षित था, सुरक्षित है और आगे भी रहेगा।

रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में लम्बे समय से वहां पर मानवाधिकारों के वायलेशन का सिलसिला चल रहा है। जो लोग बंटवारे के बाद पाकिस्तान गये उन्हें आज भी वहां पर मुहाजिर कहकर अपमानित किया जाता है। जबकि भारत में सभी लोग सुरक्षित और सम्मानित महसूस करते हैं।

सिंह ने कहा कि हमारे पड़ोसी को अपनी आतंकवाद की नीति छोड़ देनी चाहिए नहीं तो एक दिन उसे मजबूरन छोड़नी पड़ेगी क्योंकि यदि उसकी नीतियां यदि नहीं बदलीं तो उसे खंड-खंड होने से दुनिया की कोई ताक़त रोक नहीं सकेगी। उन्होनें कहा कि जिस पाकिस्तान में सारी अल्पसंख्यक समुदाय अपनी सलामती को लेकर चिंतित रहती हैं उसके मुंह से अल्पसंख्यकों के अधिकार की बातें अच्छी नहीं लगती। धारा 370 के समाप्त करने के भारत के फैसले को वह पचा नहीं पा रहा है और उसने संयुक्त राष्ट्र को भी गुमराह करने की कोशिश की है।

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