what is ‘Stridhan’: 2 ‘स्त्रीधन’ को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, क्‍या होता है स्‍त्रीधन, जानिए क्‍या होता है इसमें शामिल

what is 'Stridhan': 'स्त्रीधन' को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, क्‍या होता है स्‍त्रीधन, जानिए क्‍या होता है इसमें शामिल

what is ‘Stridhan’:सुप्रीम कोर्ट ने स्त्रीधन को लेकर गुरुवार को एक अहम फैसले में कहा कि महिला का स्त्रीधन उसकी पूर्ण संपत्ति है. जिसे अपनी मर्जी से खर्च करने का उसे पूरा अधिकार है. इस स्त्री धन में पति कभी भी हिस्सेदार नहीं बन सकता, लेकिन संकट के समय पत्नी की रजामंदी से इसका इस्तेमाल कर सकता है.

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने स्त्रीधन को लेकर दायर एक वैवाहिक विवाद पर सुनवाई करते हुए कहा था कि महिला को अपने स्त्रीधन पर पूरा अधिकार है, जिसमें शादी से पहले, शादी के दौरान या बाद में मिलीं हुईं सभी चीजें शामिल हैं, जैसे कि माता-पिता, ससुराल वालों, रिश्तेदारों और दोस्तों से मिले गिफ्ट, धन, गहने, जमीन और बर्तन आदि.

what is ‘Stridhan’: क्‍या होता है स्‍त्रीधन

कई बार लोग दहेज को स्त्रीधन समझ लेते हैं जोकि तकनीकी रूप से गलत है. हम आपको आसान भाषा में समझाते हैं  कि स्त्रीधन दहेज से अलग टर्मिनॉलजी है, इसमें एक महिला को उसकी शादी से पहले या बाद में दिया जाने वाला हरेक स्वैच्छिक उपहार शामिल होता है.

गौरतलब है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप मैरिड है या नहीं. मगर मैरिड महिलाओं को इससे जुड़ी हर बात इसलिए पता होनी चाहिए क्योंकि भविष्य में इस जानकारी की जरूरत पड़ सकती है, इसलिए आप अगर आप शादी करने जा रही हैं या फिर आप पहले से ही शादीशुदा हैं तो आपको यह जरूर पता होना चाहिए कि भारतीय कानून के मुताबिक स्त्रीधन आखिर है क्या.

हिंदू कानून के अनुसार, स्त्रीधन वह सबकुछ है जो एक महिला को उसके जीवनकाल के दौरान मिलता है.

what is ‘Stridhan’: स्त्रीधन में क्या शामिल है और क्या नहीं

स्त्रीधन में वह हर चीज आती है जो महिलाओं को विवाह से पहले और विवाह के समय या विवाह के बाद मिलती है. इसमें सभी चल, अचल संपत्ति उपहार आदि शामिल होते हैं. यहां तक कि विवाह, बच्चे के जन्म के दौरान और महिला के विधवा होने के दौरान. महिलाओं को अपने स्त्रीधन पर पूर्ण अधिकार है.

किसी भी प्रकार की चल और अचल संपत्ति जैसे नकदी, आभूषण, जमा राशि, किसी भी रूप में निवेश, जो कुछ भी आपको मिला है और अचल संपत्ति स्त्रीधन बन सकती है.

दुल्हन की बारात में दिए गए उपहार, यानी जब दुल्हन को उसके निवास स्थान से ले जाया जा रहा हो, उसके पति के माता-पिता, प्यार की निशानी में दिए गए उपहार, यानी जो उसके ससुर और सास और उन लोगों ने दिए हों, दुल्हन द्वारा बड़ों के चरणों में प्रणाम करते समय बनाया गया तोहफा आदि, दुल्हन के पिता द्वारा दिए गए उपहार, दुल्हन की मां द्वारा दिए गए उपहार, दुल्हन के भाई द्वारा दिए गए उपहार- भी इसमें शा्मिल है.http://स्त्रीधन क्यों चर्चा में आया?

what is ‘Stridhan’:किस कानून के तहत है स्त्रीधन का अधिकार?

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 की धारा 14 के मुताबिक, किसी महिला द्वारा प्राप्त संपत्ति का
नीचे दिए गया स्रोत उसकी पूर्ण संपत्ति हैं (जब तक कि उपहार, डिक्री, आदेश या पुरस्कार या डिवाइस की शर्तों में इसके उलट उल्लेख न किया गया हो). पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे के दौरान उसके विशेष हिस्से के रूप में प्राप्त संपत्ति,किसी समझौते के नतीजे के रूप में लड़की को प्राप्त संपत्ति, सेवा, व्यवसाय आदि द्वारा अर्जित और संचित की गई संपत्ति, भरण-पोषण के बदले प्राप्त संपत्ति इसमें शामिल है. यह यह भी गौरतलब है कि स्त्रीधन से खरीदी गई संपत्ति भी इसी के तहत आएगी. महिला को विरासत में मिली संपत्ति भी इसी में काउंट होगी.

what is ‘Stridhan’: स्त्रीधन क्यों चर्चा में आया?

लोकसभा चुनाव का समय है. सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं. रैली और जनसभाएं की जा रही हैं. ऐसे में राजस्थान में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि “पहले जब इनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है. इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करते किसको बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उनको बांटेंगे. घुसपैठियों को बांटेंगे. क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंजूर है ये?”

उन्होंने आगे कहा था, “ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के गोल्ड का हिसाब करेंगे. उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है. भाइयों-बहनों ये अर्बन नक्सल की सोच, मेरी मां-बहनों, ये आपका मंगलसूत्र भी नहीं बचने देंगे. ये यहां तक जाएंगे.”

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what is ‘Stridhan’: क्या स्त्रीधन को दान करने या बेचने का भी हक है?

किसी भी महिला के पास ये अधिकार है कि वो अपने स्त्रीधन यानी गहने, तोहफे या प्रॉपर्टी किसी दूसरे को तोहफे में दे सके या बेच सके. ससुरालवाले या पति कानूनन इसपर रोक नहीं लगा सकते, सिर्फ सलाह दे सकते हैं. महिला अगर चाहे तो अपनी ये संपत्ति पति को भी दे सकती है, अगर उसे कोई बड़ी जरूरत हो, लेकिन बाद में पति को वो संपत्ति महिला को वापस लौटानी होती है. हालांकि, ये कानून तभी मान्य होते हैं जब स्त्री के पास अपनी संपत्ति का लेखाजोखा रहे. जैसे, स्त्रीधन की लिस्ट हो, साथ में उसकी तस्वीरें भी हों. अगर महिला ने अपनी संपत्ति किसी लॉकर में रखी हो, तो उसका नंबर उसे याद रहना चाहिए.

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