जासूस मामला: रूस की ब्रिटेन के साथ जांच की अपील खारिज, अब UN का दरवाजा खटखटाया

द हेग: जासूस को जहर देने के मामले में रासायनिक हथियारों पर निगरानी रखने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन में ब्रिटेन के साथ संयुक्त जांच की अपील खारिज होने के बाद रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से गुरुवार (5 अप्रैल) को तत्काल बैठक बुलाने का अनुरोध किया. ब्रिटेन ने कहा है कि रूस के पूर्व डबल एजेंट सर्गेइ स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया पर चार मार्च को हुए हमले के पीछे रूस के होने की ‘‘पूरी संभावना’’ है. बहरहाल, रूस इस मामले में किसी तरह की संलिप्तता से लगातार इनकार करता रहा है. ब्रिटेन का कहना है कि यह नर्व एजेंट सोवियत संघ द्वारा विकसित किया हुआ था.

रूस ने न्यूयॉर्क में बृहस्पतिवार (5 अप्रैल) को शाम सात बजे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने की अपील की है. परिषद में उसके राजदूत वैसिली नेबेंजिया ने कहा कि बैठक का मुख्य ध्यान ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे द्वारा भेजे गए पत्र पर केंद्रित होगा जिसमें रूस पर हत्या की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है.

इससे पहले रूस ने बुधवार (4 अप्रैल) को ऑर्गेनाइजेशन फोर द प्रोहिबिशन ऑफ कैमिकल वेपंस (ओपीसीडब्ल्यू) की बैठक बुलाने का अनुरोध किया था जिसमें उसने हमले की जांच के लिए ब्रिटेन के साथ संयुक्त जांच की अपील की थी. ओपीसीडब्ल्यू में रूस के राजदूत एलेक्जेंडर शुलगिन ने बुधवार (4 अप्रैल) को संवाददाताओं से कहा, ‘‘दुर्भाग्य से हम फैसले के समर्थन में दो- तिहाई मत हासिल नहीं कर पाए. योग्य बहुमत की जरुरत थी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ यह प्रस्ताव रूस और ब्रिटेन के नेतृत्व में दोहरी जांच के बारे में था. ओपीसीडब्ल्यू के महानिदेशक को मध्यस्थ होना चाहिए.’’

बहरहाल, ब्रिटेन ने इस प्रस्ताव को ‘‘रास्ते से भटकाने’’ वाला बताकर इसकी आलोचना की थी. ब्रिटेन के रासायनिक हथियार विशेषज्ञ जॉन फोग्गो ने ओपीसीडब्ल्यू की शासकीय कार्यकारी परिषद से कहा, ‘‘हम सालिसबरी में हुए हमले की संयुक्त जांच कराने की रूस की मांग पर सहमति नहीं देंगे क्योंकि ब्रिटेन का मानना है कि इस हमले के लिए रूस पूरी तरह जिम्मेदार हो सकता है. हमें कई अन्य देशों का समर्थन हासिल है.’’ ओपीसीडब्ल्यू के विशेषज्ञों ने मौके से नमूने एकत्रित कर लिए हैं जिनकी द हेग में जांच चल रही है. ओपीसीडब्ल्यू के प्रमुख अहमत उजुम्कु ने कहा कि उन्हें‘‘ अगले सप्ताह की शुरुआत’’ तक नतीजे आने की उम्मीद है.

राजनयिक सूत्रों ने बताया कि छह देशों ने रूस के प्रस्ताव के मसौदे के पक्ष में वोट दिया, जबकि 15 ने उसके खिलाफ और17 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया. ब्रिटेन ने परिणाम की प्रशंसा की. ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने एक बयान में कहा, ‘‘द हेग में रूस के बेतुके प्रस्ताव का मकसद स्पष्ट है यह अंतरराष्ट्रीय रासायनिक हथियार निगरानी संगठन के स्वतंत्र और निष्पक्ष काम को कमजोर करना है.’’ उन्होंने कहा कि रूस का मुख्य लक्ष्य‘‘ सच को छिपाना और जनता को भ्रमित’’ करना है.

रूस के विदेशी खुफिया प्रमुख सर्गेइ नारिश्किन ने बुधवार (4 अप्रैल) को आगाह किया कि दोनों पक्षों को तनावों को शीत युद्ध के खतरनाक स्तर तक ले जाने से बचना चाहिए. ब्रिटेन के फोग्गो ने कहा, ‘‘रूस के विशेषज्ञों को शामिल किए बिना ओपीसीडब्ल्यू की जांच के नतीजों को स्वीकार करने से रूस का इनकार करना यह दिखाता है कि रूस इस बात को लेकर बेचैन है कि नतीजे क्या दिखाएंगे.’’

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