गोरक्षा कानून और ड्रग्‍स पर अंकुश के कारण असम-मिजोरम सीमा पर हुई हिंसा : CM हिमंत बिस्‍व सरमा

गुवाहाटी. असम और मिजोरम सीमा (Assam Mizoram Border Clash) पर पिछले दिनों पुलिस के बीच हुई हिंसा में असम पुलिस (Assam Police) के अब तक सात जवानों की मौत हुई है. इस बीच मंगलवार को असम के मुख्‍यमंत्री हिमंत बिस्‍व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि राज्‍य में ड्रग्‍स की तस्‍करी के खिलाफ जारी अभियान और जानवरों को लाने-ले जाने के संबंध में बनाए गए नए कानून की वजह से ही सीमा पर विवाद हुआ है.

मुख्‍यमंत्री हिमंत बिस्‍व सरमा का कहना है कि यह एक ड्रग्‍स तस्‍करी का रास्‍ता है. यह म्‍यांमार से होते हुए मिजोरम के रास्‍ते और असम की बराक घाटी होते हुए पंजाब तक जाता है. उन्‍होंने मिजोरम के मुख्‍यमंत्री जोरामथांगा से अपील की कि वह इस बात की जांच कराएं कि आखिर कैसे नागरिक बुलेटप्रूफ जैकेट लेकर सीमा पर हमारे पुलिसकर्मियों पर स्‍नाइपर राइफल से हमला कर सकते हैं.मुख्‍यमंत्री का दावा है कि उनके पास इसका एक वीडियो सबूत के तौर पर मौजूद है. उन्‍होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि इसकी जांच होनी चाहिए कि कैसे कुछ गैर सरकारी लोग पूरी क्षमता के साथ मैदान में उतरे.’

उन्‍होंने कहा, ‘मेरे पास इसका पुख्‍ता कारण है कि असम सरकार की ओर से पिछले दो महीने में लिए गए कड़े फैसलों ने कुछ लोगों को नाराज किया है.’ उन्‍होंने इस बात पर भी जोर दिया कि म्‍यांमार के रिफ्यूजी लोगों को मिजोरम में घुसने से मना करने का राज्‍य का फैसला भी इसका अहम कारण हो सकता है.

सीएम ने कहा, ‘मैंने मिजोरम सरकार से कहा था कि बिना केंद्र सरकार की अनुमति के म्‍यांमार के ऐसे लोगों को यहां बसने की मंजूरी असम नहीं देगा. इससे हो सकता है कि मिजोरम का खास वर्ग नाराज हुआ हो.’हिमंत बिस्‍व सरमा ने यह भी कहा कि गोरक्षा कानून भी इस हिंसा से संबद्ध हो सकता है. उनका कहना है कि इस तरह की अफवाह हुई है कि असम दूसरे क्षेत्रों में बीफ सप्‍लाई को निशाना बना रहा है. इससे भी मिजोरम के ईसाई समुदाय नाराज हो सकते हैं. उनका कहना है, ‘मैं विश्‍वास दिलाता हूं कि एक्‍ट में ऐसा कुछ भी नहीं है.’

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