‘इंडिया लॉकडाउन फिल्म के साथ विभिन्न फिल्म फेस्टिवल्स की यात्रा करना चाहते हैं-मधुर भंडारकर

मुंबई. फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर (Madhur Bhandarkar) अगले हफ्ते अपनी नई फिल्म ‘इंडिया लॉकडाउन (India Lockdown)’ को फ्लोर पर ला रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे इस फिल्म के साथ विभिन्न फिल्म फेस्टिवल्स की यात्रा करना चाहते हैं. वे इस फिल्म के माध्यम से दुनिया को यह बताना चाहते हैं कि लोगों ने लॉकडाउन का कैसे सामना किया. लॉकडाउन में भी लोग इस आशा और उत्साह के साथ जीते रहे कि, वे इस दौर से उबर जाएंगे.

भंडारकर ने मीडिया से कहा, ‘एक तरफ, ऐसे लोग हैं जिन्हें जीवन में ठहराव के कारण अपने शौक, जुनून और व्यक्तिगत संबंधों को रिस्टोर करने का मौका मिला. दूसरी तरफ, समाज के कुछ वर्गों में, कोविड-19 के कारण बेसिक स्टेबिलिटी थोड़े देर के लिए चली गई. मुझे यकीन है कि लॉकडाउन के दौरान पूरी दुनिया में ऐसा ही हुआ है. लेकिन मैं फिल्म के साथ विभिन्न फिल्म समारोहों में यात्रा करना चाहता हूं और दुनिया से यह शेयर करना चाहता हूं कि, कैसे लोगों ने कोरोना काल में समस्याओं का सामना किया और इस दौर में अपनी आशा एवं उत्साह बनाए रखा.’
उन्होंने बताया कि, ‘यह एक मजबूत, कैरेक्टर के दम पर चलने वाली कहानी है, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित है. हमारे दर्शक उनसे अपने को जुड़ा हुआ महसूस करेंगे, क्योंकि ये सभी पात्र हमारे साथ रह रहे हैं या शायद हमारे भीतर हैं. इंडिया लॉकडाउन में प्रतीक बब्बर, साई ताम्हणकर, श्वेता बसु प्रसाद, प्रकाश बेलावादी, अहाना कुमरा, ज़रीन शिहाब और आयशा आमीन शामिल हैं.लॉकडाउन के विषय पर एक फिल्म बनाने के अपने आग्रह पर, उन्होंने कहा- ‘हम सभी ने कुछ न कुछ अनुभव किया है जो हमारे भीतर बदल गया है या बदल गया है. एक ऑबजर्वेंट पर्सन होने के कारण, मुझे कहानी कहने की आवश्यकता महसूस हुई. प्रारंभ में, जब हमें लॉकडाउन का सामना करना पड़ा, तो हम सब स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ पाए. आखिरकार, जान-माल की हानि, आजीविका और बाहर टहलने की बुनियादी स्वतंत्रता के साथ, हम मनुष्य के रूप में बदल गए. मैंने दोस्तों, रिश्तेदारों और आस-पास के लोगों से इतनी विपरीत कहानियां सुनी हैं कि मुझे स्टोरी कहने की जरूरत महसूस हुई.’

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