श्याम बेनेगल ने फिल्म मुजीब का पोस्टर किया रिलीज

वेटरन फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल ने मुजीब-द मेकिंग ऑफ ए नेशन (Mujib-The Making Of A Nation) नामक अपनी अपकमिंग बायोपिक पिक्चर के पोस्टर को रिलाज किया है। यह रिपब्लिक ऑफ इंडिया और रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश के बीच एक ऑडियो विजुअल को प्रोडक्शन समझौते के तहत, बांग्लादेश के राष्ट्पिता शेख मुजीबुर्ररहमान की जिंदगी पर एक भारत-बांग्लादेश को प्रोडक्शन है। महान फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल के जरिए  निर्देशित, फिल्म को भारत और बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर शूट किया गया था, जिसमें कोविड महामाारी के बीच सभी स्वास्थ्य निर्देशों का पालन किया गया था। फिल्म को दिसंबर 2021 में रैप-अप किया गया था।

मुजीबुर्ररहमान का जन्म प्रतिष्ठित मुस्लिम परिवार में हुआ था। वो धार्मिक और सौहार्दपूर्ण माहौल में पले बढ़े, वो गरीबों के प्रति दयालु थे और उनके प्रति सहानुभूति रखते थे। महात्मा गांधी से प्रेरित होकर, मुजीब ने पश्चिमी पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान के बीच और पाकिस्तानी सैन्य शासन के बीच असमानता और अभाव के खिलाफ संघर्ष किया। शेख मुजीबुर रहमान को पाकिस्तान के सैन्य शासकों ने बहुत प्रताड़ित भी किया और वह आजादी मिलने के बाद से बांग्लादेश बनने तक के समय में बार बार जेल गए। जिंदगी में लगभग 11 साल जेल में बिताने वाले मुजीब को बांग्लादेश के राष्ट्रपिता और बंगबंधु के रूप में जाना जाता है।

काफी समय बाद लेकर आ रहे हैं श्याम बेनेगल ये फिल्म

निर्देशक श्याम बेनेगल ने कहा कि मुझे इस फीचर फिल्म पर काम करने की खुशी है, इसकी स्थापना के बाद से एनएफडीसी के साथ काम करना हमेशा उपयोगी कोलैबोरेशन रहा है और अब भी एफडीसी के साथ कोलैबोरेट करना एक खुशी का अनुभव था। श्याम बेनेगल ने कहा कि शेख मुजीबुर रहमान जैसी महान शख्सियत के जीवन को पर्दे पर उतारना आसान काम नहीं था। हमने उनके कैरेक्टर को एक अडिग तरीके से कैटेगराइज्ड किया है। मुजीब भारत के एक महान दोस्त बने रहे, हमें उम्मीद है यह पोस्टर दर्शकों के साथ जुड़ पाएगा।

चर्चित अभिनेता अरिफिन शुवू ने इस फिल्म में शेख मुजीबुर्ररहमान का किरदार निभाया है। फिल्म के पोस्टर लॉन्च के मौके पर उन्होंने कहा, मुजीब का किरदार पर्दे पर निभाना मेरे लिए शुरू से बहुत रोचक अनुभव रहा है। यह किसी सपने के सच होने जैसा है। इस फिल्म का हिस्सा होने और सिनेमा में किवदंति बन चुके श्याम बेनेगल जैसे डायरेक्टर के डायरेक्शन में काम करना मेरे लिए बहुत बड़े सम्मान की बात है। यह फिल्म मेरे और मेरे देश के लिए क्या मायने रखती है, यह मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। मैं सिर्फ उम्मीद कर सकता हूं कि मैंने इस किरदार के साथ न्याय किया है और फिल्म को देखने वाले मुझसे और मेरे के किरदार से उसी तरह का रिश्ता बना सकेंगे जिस तरह से वो बंगबंधु से मोहब्बत करते हैं।

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