वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं, बैंक ज्यादा पैसा देने के लिए एनबीएफसी के साथ कर रहे हैं काम
नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 31 मार्च 2020 तक संकटग्रस्त किसी भी एमएसएमई को एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा। निर्मला सीतारमण यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए यह बात कहीं। निर्मला सीतारमण ने कहा कि उन्होंने बैंकों के साथ नकदी की स्थिति की समीक्षा की। वहीं, कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की पहचान की गयी है जिन्हें बैंक कर्ज दे सकते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक कर्ज देने के इरादे से 29 सितंबर से पहले 200 जिलों में एनबीएफसी और खुदरा कर्जदारों के साथ खुली बैठक करेंगे।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने के लिए कई बड़ी घोषणाएं कर चुकी हैं। उन्होंने शनिवार को 60 प्रतिशत तक पूरे हो चुके निर्माणाधीन आवासीय परियोजनाओं का काम पूरा करने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की विशेष सुविधा देने की घोषणा की थी। साथ ही इतनी ही राशि निजी क्षेत्र से जुटायी जाएगी, इसकी भी जानकारी दी थी।
वित्तमंत्री ने कहा था कि भवन निर्माण के लिए कर्ज पर ब्याज दर को कम किया जाएगा तथा इन पर ब्याज की दर को 10 साल की सरकारी प्रतिभूतियों के यील्ड (निवेश -प्रतिफल) से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया था कि सरकारी नौकरी वाले लोग आवास की मांग में अहम योगदान देते हैं। इस व्यवस्था से सरकारी नौकरी वाले अधिक लोगों को नया घर खरीदने का प्रोत्साहन मिलेगा।