गन्ना किसानों को बड़ा तोहफा, सरकार ने FRP बढ़ाकर 290 रुपए प्रति क्विंटल किया

नई  दिल्ली।  गन्ना किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है, केंद्र सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य (FRP) बढ़ाने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में गन्ने का FRP बढ़ाकर 290 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। ये गन्ने के लिये अब तक का सबसे ऊंचा समर्थन मूल्य है। इससे पहले एफआरपी 285 रुपये प्रति क्विंटल था।  सरकार के मुताबिक  इस फैसले का फायदा 5 करोड़ से ज्यादा गन्ना किसानों और उनके आश्रितों को मिलेगा। साथ ही इस फैसले का सकारात्मक असर शुगर मिल और उससे जुड़ी हुई कार्यों में लगे 5 लाख श्रमिकों पर भी देखने को मिलेगा

केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद गन्ने के FRP में लगातार बढ़ोतरी की है, 2013-14 के दौरान देश में गन्ने का FRP 210 रुपए प्रति क्विंटल होता था जो अब बढ़कर 290 रुपे प्रति क्विंटल हो गया है, 7 साल में गन्ने के FRP में 38 प्रतिशत की जोरदार बढ़ोतरी हुई है। गन्ने के FRP में बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि चीनी वर्ष 2019 -20 में गन्ना किसानों को  76000 करोड़ भुगतान करना था और उसमें अधिकतर भुगतान हो गया है, केवल 142 करोड़ रुपए का ही भुगतान बचा है। केंद्रीय मंत्री ने  बताया कि चालू चीनी वर्ष 2020-21 के दौरान गन्ना किसानों को 91000 करोड़ रुपए का भुगतान होना था जिसमें से 86000 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि 290 रुपए प्रति क्विंटल का भाव उन गन्ना किसानों को मिलेगा जिनके गन्ने से चीनी की रिकवरी की दर 10 प्रतिशत होगी, जिन गन्ना किसानों के गन्ने से चीनी की रिकवरी 9.5 प्रतिशत या इससे कम रहेगी उन्हें 275 रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिलेगा।

चालू मार्केटिंग वर्ष 2020-21 के लिए एफआरपी 285 रुपये प्रति क्विंटल है। हर साल गन्ना पेराई सत्र शुरू होने से पहले केंद्र सरकार एफआरपी की घोषणा करती है। मिलों को यह न्यूनतम मूल्य गन्ना उत्पादकों को देना होता है। हालांकि, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे कई राज्य अपनी गन्ना दरों (राज्य परामर्श मूल्य या एसएपी) की घोषणा करते हैं। यह एफआरपी के ऊपर होता है।

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