वायु प्रदूषण: दिल्ली-NCR में हालात ‘बहुत खराब’, 65% घरों के लोगों को होने लगीं ये परेशानियां

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में बढ़े प्रदूषण के कारण गुरुवार को आसमान में धुंध की चादर छाई हुई है और इसके चलते वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ स्तर पर पहुंच गई। दिल्ली के लगभग 65 प्रतिशत घरों में एक या एक से अधिक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने पहले ही प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों का सामना करना शुरू कर दिया है। एक सर्वेक्षण में इस बात का पता चला है। दिल्ली-एनसीआर के 47 प्रतिशत लोगों को सर्दी, खांसी या गले में खरास की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जबकि 26 प्रतिशत को आंखों में जलन और 30 प्रतिशत को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। सर्वेक्षण में गुरुवार को इस तरह के परिणाम सामने आए हैं।

सांस लेने में कठिनाई वाले रोगियों की संख्या बढ़ी

दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक दोपहर एक बजे 323 पर था, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। हर साल यह देखने में आता है कि राजधानी और इससे सटे इलाकों में सर्दियां शुरू होते ही वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। हालांकि अभी सर्दी शुरू भी नहीं हुई है, मगर लोगों को प्रदूषण का आभास होने लगा है। शहर के कई डॉक्टरों और अस्पतालों का भी कहना है कि सांस लेने में कठिनाई वाले रोगियों के मामलों की अधिक संख्या देखने को मिल रही है। पहले से श्वसन संबंधी बीमारियों से घिरे लोग खराब हवा के संपर्क में आते हैं तो उन्हें और अधिक परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। यहां तक कि उन्हें कोरोनावायरस जैसे संक्रामक रोगों का खतरा भी अधिक है।

सर्वे में करीब 15,500 लोगों ने लिया हिस्सा 

‘लोकल सर्कल्स’ की ओर से कराए गए इस सर्वे में दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद के करीब 15,500 लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें लोगों से पूछा गया कि बढ़ते प्रदूषण का आपके और आपके परिवार पर क्या असर पड़ रहा है। इस सवाल के जवाब में 29 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके परिवार में एक या एक से अधिक लोगों का अभी से गला खराब, जुकाम और कफ जैसी समस्या होने लगी है। इसके अलावा छह प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके घर में एक या अधिक लोगों को आंख में जलन की समस्या हो रही है। जबकि 12 प्रतिशत ने कहा कि एक या अधिक फैमिली मेंबर को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। इसके साथ ही 18 प्रतिशत लोगों ने उपरोक्त सभी प्रकार की दिक्कतें होने की बात कही।

कुल मिलाकर सर्वे में शामिल 65 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके घर में एक या अधिक लोगों को प्रदूषण की वजह से परेशानी होनी शुरू हो गई है। प्रदूषण से निपटने की योजना के सवाल पर सर्वे में शामिल छह प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह कुछ समय के लिए दिल्ली-एनसीआर से बाहर चले जाएंगे। वहीं 21 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह घरों में ही रहेंगे और इम्युनिटी बढाएंगे। वहीं, 12 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करेंगे। वहीं 24 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह नियमित गतिविधि (रूटीन एक्टिविटी) करेंगे और मास्क पहनेंगे। इसके साथ ही 25 फीसदी से अधिक लोगों ने कहा कि वे नियमित गतिविधि करेंगे और बाहर जाने पर मास्क पहनेंगे और इसके अलावा इम्युनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थों का सेवन बढ़ाएंगे, जबकि 9 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे उपरोक्त में से कोई भी काम नहीं करेंगे और बस इसी परिस्थिति के साथ बने रहेंगे। सर्वे में शामिल चार प्रतिशत लोगों ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार ने काफी काम किया है और इस बार अच्छे परिणाम दिखेंगे। वहीं, सात प्रतिशत लोगों ने कहा कि काम हुआ है और कुछ न कुछ असर पड़ेगा। हालांकि इस मामले में 42 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कुछ काम नहीं हुआ है और प्रदूषण पिछले साल जैसा ही रहेगा।

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ स्तर पर पहुंची

बता दें कि, दिल्ली-एनसीआर में बढ़े प्रदूषण के कारण गुरुवार को आसमान में धुंध की चादर छाई हुई है और इसके चलते वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ स्तर पर पहुंच गई। यहां ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत सख्त वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों के क्रम में जनरेटर पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। नासा की सैटेलाइट तस्वीरों में पंजाब के अमृतसर, पटियाला, तरनतारन और फिरोजपुर के पास और हरियाणा के अंबाला और राजपुरा में एक बड़े हिस्से में खेतों में आग लगी दिखाई दे रही है। उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।

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